बिहार की राजधानी पटना में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में युवा ज्यादा आ रहे हैं। पहली लहर में इसने अधिक बुजुर्गों को अपनी गिरफ्त में लिया था। पिछले पंद्रह दिनों में पटना जिले में मिले कोरोना संक्रमितों में ज्यादातर युवावर्ग ही हैं।
पिछले 15 दिनों में 418 कोरोना के मरीज मिले हैं। इसमें 30 से 60 साल आयु वर्ग के 219 लोग इस बीमारी की चपेट में आए हैं। इस बार साठ साल से अधिक उम्र वाले जिले के ग्यारह संक्रमित हुए हैं। तीस वर्ष से उम्र के नीचे के 131 संक्रमित मिले हैं, इसमें 17 किशोर हैं। 60 से ऊपर के 68 मरीज मिले हैं, इसमें 11 करीब अस्सी साल के हैं।
राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर पटना जिले में यह रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन संक्रमण रोकने के उपायों की समीक्षा कर रहा है।
जहां पहले ज्यादा मिले थे, इस बार भी वहीं ज्यादा
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि पिछले साल यह बीमारी पटना शहर के जिन इलाकों में अधिक थी, इस बार भी उन इलाकों में अधिक मरीज मिल रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से कंकड़बाग, पत्रकार नगर, बोरिंग रोड आदि इलाके शामिल हैं। इसमें सुझाव दिया गया है कि लोगों को मास्क पहनने और समय-समय पर हाथ सेनेटाइज करने के लिए बाध्य किया जाए। यह भी कहा गया कि यदि अधिक संक्रमित वाले इलाके में कठोर कदम नहीं उठाया गया तो बीमारी का संक्रमण तेजी से हो सकता है।
युवा वर्ग ज्यादा लापरवाह
स्टडी करने वाली टीम में शामिल अधिकारियों का कहना है कि युवाओं में बीमारी इसलिए अधिक हो रही है क्योंकि सबसे ज्यादा कोविड-19 के लिए निर्धारित मानक का उल्लंघन युवा वर्ग ही कर रहे हैं। दूसरा कारण संक्रमण वाले इलाके में ऐसे लोगों की गतिविधियां होना बताया गया है।
पटना डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि लोगों में जागरूकता लाने के लिए पटना शहर में प्रचार वाहन चलाए जा रहे हैं। मास्क की चेकिंग भी की जा रही है। बीमारी पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों द्वारा जो सुझाव दिए जा रहे हैं, उसका अनुपालन कराया जा रहा है।