एंट्री प्वाइंट बरेली की परंपरा-संस्कृति, इतिहास और प्राचीन कारोबार से लोगों को रू बरू कराएंगे। पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद ने प्रशासन ने एनएच-24 पर इंवर्टिस के पास जरी जरदोजी और बदायूं रोड पर रामगंगा से महाभारत कालीन अहिच्छत्र की आकृति लगाई जाएंगी। शुक्रवार को डीएम ने जरी-जरदोजी और अहिच्छत्र के तिराहों के डिजाइन लांच कर दिए।
बरेली की पहचान झुमका, जरी, बांस फर्नीचर, सुरमा और अहिच्छत्र से है। एनएच-24 पर परसाखेड़ा में एंट्री प्वाइंट पर झुमका तिराहा पहले ही बन चुका है। प्रशासन ने बरेली की संस्कृति और इतिहास को लोगों तक पहुंचाने की योजना आगे बढ़ा दिया है। एनएच-24 पर इंवर्टिस के पास तिराहे पर जरी-जरदोजी और बांस के फर्नीचर की पत्थर की आकृति बनाई जाएगी। लखनऊ-दिल्ली आने-जाने वाले इसके बारे में जान सकेंगे। रामनगर के महाभारत कालीन अहिच्छत्र किला और भीम गदा के इतिहास के बारे में बदायूं रोड बनने वाला मॉडल बयां करेगा।
आर्किटेक्ट और इंजीनियरों की टीम जरी-जरदोजी और अहिच्छत्र दोनों के मॉडल का डिजाइन फाइनल कर दिया है। आकृतियां पत्थर और स्थाई मटेरियल से तैयार की जाएंगी। जल्द काम शुरू हो जाएगा।