जदयू के प्रवक्‍ता संजय सिंह ने मीसा की तुलना रावण की बहन शूपर्णखा से की

 राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की बेटी व पाटलिपुत्र संसदीय सीट से प्रत्‍याशी मीसा भारती (Misa Bharti) को लेकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने विवादित बयान दिया है। जदयू के प्रवक्‍ता संजय सिंह ने मीसा की तुलना रावण की बहन शूपर्णखा से की है। इस बयान के बाद बिहार की राजनीति फिर गरमा गई है। महागठबंधन के नेताओं ने इसके लिए जदयू पर पलटवार किया है।

यह है मामला 

विदित हो कि सोमवार को मीसा भारती ने कहा था कि बड़ी बहन होने के नाते उनके लिए सभी भाई-बहन एक समान हैं, लेकिन लालू प्रसाद यादव के उत्तराधिकारी तेजस्‍वी यादव ही हैं। मीसा का यह बयान तेज प्रताप के उस बयान के खिलाफ है, जिसमें उन्‍होंने खुद को ‘दूसरा लालू’ बताया था। हाल ही में मीसा भारती के चुनाव प्रचार के दौरान राबड़ी देवी की मौजूदगी में तेज प्रताप के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगे थे। साथ ही बीते दिन तेजस्‍वी के साथ चुनाव प्रचार में जाने के लिए हेलीकॉप्‍टर में जगह नहीं मिलने से तेज प्रताप की नाराजगी भी चर्चा में है। जदयू प्रवक्‍ता ने अपना बयान इन घटनाओं के संदर्भ में दिया है। 

जदयू ने दिया ये विवादित बयान 

जदयू प्रवक्‍ता संजय सिंह ने कहा है कि मीसा भारती की भूमिका लालू परिवार में शूपर्णखा की तरह है। जिस तरह शूपर्णखा प्राचीन काल में रावण व विभीषण के बीच झगड़ा लगाती थी, उसी तरह मीसा इन दिनों तेज प्रताप व तेजस्‍वी के बीच में झगड़ा लगातीं हैं। वे दोनों भाइयों के झगड़े की आग में घी डालतीं हैं। 

महागठबंधन ने किया पलटवार 

जदयू प्रवक्‍ता के बयान पर महागठबंधन के नेताओं ने पलटवार किया है। राजद के विजय प्रकाश ने कहा कि राजद में सीता व राधा पैदा लेती हैं, न कि शूपर्णखा। दरअसल, जदयू ही राक्षसी समाज है। वह जनादेश का अपमान कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गोद में जा बैठा है। 
हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) सुप्रीमो व पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि किसी महिला के बारे में ऐसा कहना पूरे महिला समाज का अपमान है। इसके लिए जदयू को माफी मांगनी चाहिए। 
कांग्रेस के प्रवक्‍ता प्रेमचंद मिश्रा ने जदयू के बयान को अशोभनीय बताया। साथ ही यह भी कहा कि महिलाओं के बारे में एसी टिप्‍पणी जदयू को भारी पड़ेगी। कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि किसी की निजी जिंदगी में दखल देना अशोभनीय है।

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