केरल विधानसभा चुनाव के लिए राज्य की सभी 140 सीटों पर छह अप्रैल को एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे। चुनाव का बिगुल फुंकते ही एक ओपिनियन पोल में अनुमान लगाया गया है कि यहां लेफ्ट का किला बचा रह सकता है। सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले एलडीएफ सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में 91 सीटें मिलने का अनुमान है। राज्य में सरकार बनाने के लिए 71 सीटों की जरूरत होती है।
एबीपी न्यूज-सी वोटर के ओपिनियन पोल के अनुसार, एलडीएफ सरकार की फिर से वापसी की उम्मीदे हैं। एलडीएफ को 83-91 तक सीटें मिल सकती हैं। यूडीएफ को 47-55 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, बीजेपी को 0-2 सीटें मिल सकती हैं। ओपिनियन पोल का दावा है कि अन्य के खाते में भी 0-2 सीटें तक जा सकती हैं।
केरल में जब जनता से उनका पसंदीदा मुख्यमंत्री पूछा गया तो सबसे ज्यादा लोगों ने पिनरई विजयन ही चुना। ओपिनियन पोल के अनुसार, 38.5 फीसदी लोगों की पहली पसंद पिनरई विजयन थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के ओमान चांडी रहे, जिन्हें 27 फीसदी लोगों ने वोट किया। वहीं, वोट फीसदी की बात करें तो एलडीएफ को 40 फीसदी वोट मिल सकता है, जबकि यूडीएफ के खाते में 33 फीसदी वोट का अनुमान है। बीजेपी के खाते में 13 फीसदी वोट जा सकते हैं।
केरल में एक चरण में ही होगी वोटिंग
चुनाव आयोग ने केरल में मतदान की घोषणा कर दी है। राज्य की सभी 140 विधानसभा सभी सीटों पर एक फेज में 6 अप्रैल को वोटिंग होगी और मतगणना 2 मई को होगी। केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस की अगुवाई वाली विपक्षी यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच मुख्य मुकाबला है। लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी अपना जनाधार बढ़ाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। हाल ही में केरल से आने वाले मेट्रोमैन ई श्रीधरन को बीजेपी ने पार्टी में शामिल किया है।