नई दिल्ली । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वित्तवर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश कर रही हैं। उनके मुताबिक इस बार के बजट में सरकार ने किसानों पर फोकस किया है। इस बजट को लेकर जो सबसे खास है वो है 16 एक्शन प्वाइंट। आइये बताते हैं क्या हैं ये 16 एक्शन प्वाइंट।
1- राज्यों से केंद्र सरकार की ओर से मॉडल कृषि कानूनों को लागू करने के लिए आग्रह किया जाएगा। राज्यों से एग्री लैंड लीजिंग, मार्केटिंग और कॉन्ट्रेक्ट फार्मिग के मॉडल लागू करने के लिए कहा जाएगा।
2- ऐसे 100 जिले जो पानी के संकट से जूझ रहे उनके लिए व्यापक कदम उठाए जाएंगे।
3- सोलर पंप लगाने के लिए 20 लाख किसानों को वित्तीय मदद की जाएगी। कुसुम स्कीम के तहत 15 लाख किसानों के सोलर पंप सेट को सोलर ग्रिड से जोड़ा जाएगा।
4- बंजरभूमि पर किसानों को सोलर यूनिट लगाने की इजाजत दी जाएगी। इससे बनने वाली बिजली सोलर ग्रिड को बेची जाएगी।
5- फर्टिलाइजर का बैलेंस इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा। इसके तहत किसानों को कैमिकल फर्टिलाइजर का कम इस्तेमाल करने के लिए इंसेटिव भी दिया जाएगा।
6- देश में इस समय 162 मिलियन टन की झमता के वेयर हाउस हैं जिन्हें नाबार्ड जियोटैग करेगा।
7- वेयरहाउसिंग का एरिया बढ़ाया जाएगा। इसमें फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) और वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया मदद करेगा।
8- धन लक्ष्मी योजना के तहत किसानों की लॉजिस्टिक लागत घटाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को ग्रामीण स्तर पर स्टोरेज सुविधा उपलब्ध कराने की अनुमति दी जाएगी।
9- कृषि के लिए नाबार्ड 2020-21 में 15 लाख करोड़ का ऋण देगा।
10- 2025 तक दूध प्रसंस्करण क्षमता दोगुना कर 10.8 करोड़ टन की जाएगी।
11- जैविक खेती के ऑनलाइन पोर्टल को मजबूत किया जाएगा साथ ही जिला स्तर पर बागवानी परियोजनाओं को महत्व दिया जाएगा।
12- बागवानी फसलों के लिए एक जिला-एक फसल योजना।
13- जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए पीपीपी मॉडल के तहत ‘किसान रेल’ का निर्माण किया जाएगा जिसमें एयरकंडीशंड कोच लगे होंगे।
14- सागर मित्र योजना लागू की जाएगी जिसके तहत मत्स्य पालन क्षेत्र में रोजगार बढाने की कोशिश की जाएगी।
15- नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज और कॉपरेटिव बैंक की ओर से क्रेडिट लिमिट को बढ़ाकर 15 लाख करोड़ किया जाएगा। नाबार्ड की वित्तपोषण योजना का दायरा भी बढ़ाया जाएगा।
16- नागर विमानन मंत्रालय की मदद से कृषि उड़ान योजना लागू की जाएगी जिसके तहत कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजा जाएगा।