जम्मू: नार्को टेरर फंडिंग में पूर्व मंत्री बाबू सिंह के घर समेत आठ जगहों पर छापे

नार्को टेरर फंडिंग मामले में बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपी पूर्व मंत्री जतिंदर सिंह उर्फ बाबू सिंह के घर समेत आठ ठिकानों पर छापे मारे। इनमें कश्मीर में छह, कठुआ और जम्मू में दो परिसरों को खंगाला गया। टीम ने बाबू सिंह से जमीन, दुकान सहित संपत्ति का ब्यौरा मांगा। पूछताछ के बाद दस्तावेज साथ ले गई।

अधिकारियों ने बताया कि ईडी की टीमों ने सुबह तड़के एक साथ छापे मारे। टीम सीआईएसएफ के साथ पूर्व मंत्री के कठुआ स्थित घर पहुंची। बाबू सिंह घर नहीं थे। वे आरएस पुरा गए थे। सूचना पर वह साढ़े 11 बजे घर पहुंचे। टीम ने उनसे बाबू सिंह से संपत्ति को अर्जित करने के साधनों के बारे में पूछा। टीम ने करीब दस घंटे तक घर को खंगाला और सात घंटे तक पूछताछ की। बाबू सिंह ने कहा कि उन्होंने टीम को पूरा सहयोग दिया है। कहा कि हम सच्चाई का परचम लेकर चलने वाले हैं।

अधिकारियों ने बताया कि यह जांच मार्च 2022 में सामने आए नार्को टेरर फंडिंग के मामले से जुड़ी है। पुलिस ने मोहम्मद शरीफ शाह नाम के एक व्यक्ति को पकड़ा था। वह कश्मीर से जम्मू की ओर 6.9 लाख रुपये की हवाला राशि लेकर जा रहा था। जांच में पता चला कि यह राशि पूर्व मंत्री बाबू सिंह को दी जानी है। इस पैसे का इस्तेमाल जम्मू में अलगाववादी और देश विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाना था।

जांच में खुलासा हुआ था कि इस फंडिंग के पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है और इसमें जम्मू-कश्मीर के कई लोग शामिल हैं। इनके पाकिस्तान स्थित आतंकियों से सीधे संपर्क हैं। जांच में सैफ दीन, फारूक अहमद नाइकू, मुबाशिर मुश्ताक फाफू सहित अन्य नाम सामने आए थे। यह नेटवर्क पाकिस्तान से हेरोइन की तस्करी कर भारत में बेचता था।

नाइकू नार्को टेरर फंडिंग नेटवर्क का संचालन करता था। 2021-22 के दौरान पाकिस्तान से लाई गई हेरोइन भारत में बेची गई। इससे प्राप्त 2 करोड़ से अधिक की नकदी श्रीनगर स्थित बैंक खातों में जमा की गई। फिर से यह राशि दुबई में काम करने वाले भारतीय नागरिकों के बैंक खातों में भेजी गई। ऐसा कर धन की उत्पत्ति की पहचान छिपाई गई। जांच में पता चला कि यह रकम आगे पाकिस्तान में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों तक पहुंचाई गई। ईडी अब इस पूरे नेटवर्क की जांच में जुटी है।

अधिकारियों ने बताया कि विशेष जांच एजेंसी (एसआईए) ने हवाला धन मामले में पूर्व मंत्री बाबू सिंह समेत 12 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। आतंकी फंडिंग में उनकी संलिप्तता वाले सीमा पार के मादक पदार्थ सिंडिकेट की आगे की जांच की जा रही है। मोहम्मद शरीफ शाह की गिरफ्तारी के बाद सिंह को अप्रैल 2022 में गिरफ्तार किया गया था।

पूर्व मंत्री सहित 17 आरोपी

2024 में एसआईए ने एक पुलिसकर्मी सहित दो और लोगों को गिरफ्तार किया था। जम्मू के चयन ग्रेड कांस्टेबल सैफ-उद-दीन और उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के उड़ी के पूर्व सरपंच फारूक अहमद की गिरफ्तारी के साथ मामले में आरोपियों की संख्या 17 हो गई। अधिकारियों ने बताया कि एसआईए ने सिंह और शाह से जुड़े आतंकी वित्तपोषण मामले में दो जनवरी को जम्मू के बेलीचराना में एक पुलिसकर्मी और एक सरपंच के घर पर भी छापा मारकर कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए थे।

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