पंजाबियों में परदेस का क्रेज कम करेगी AAP; सीएम मान ने संभाली कमान

पंजाब सरकार अब विदेश जा रहे युवाओं के रिवर्स माइग्रेशन पर काम करेगी। इसका मकसद प्रदेश की प्रतिभा को विदेश जाने से रोकना है। इस युवाओं को विभिन्न माध्यमों से पंजाब लौटने के लिए प्रेरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान इसके लिए खुद भी युवाओं को जागरूक करने में जुटे हैं।

सरकार का मानना है कि पिछले करीब साढ़े तीन वर्षों के दरमियान सूबे के वर्क कल्चर और सिस्टम में सकारात्मक बदलाव आया है। औद्योगिक विकास के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने यहां इज ऑफ डूइंग कल्चर स्थापित किया है। जिस वजह से सूबे में निवेश भी बढ़ा है और नामी कंपनियां पंजाब में अपने नए प्लांट स्थापित कर रही हैं।

पीएयू के एक अध्ययन के मुताबिक पंजाब के काफी युवा काम की तलाश में विलायत का रुख करते हैं। पहले दोआबा क्षेत्र में क्रेज ज्यादा था मगर अब मालवा और माझा क्षेत्र के युवा भी पीछे नहीं हैं। पंजाब के विभिन्न जिलों में 10 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक परिवारों में से एक या एक ज्यादा सदस्य विदेश जा चुके हैं। इनमें अमृतसर, गुरदासपुर, शहीद भगत सिंह नगर और फिरोजपुर जिलों में प्रवासन की सीमा 30 प्रतिशत तक है।

अध्ययन में बताया गया कि स्टडी वीजा पर विदेश जाने वालों में महिलाओं की संख्या 65 प्रतिशत और पुरुषों की संख्या 35 प्रतिशत थी। इसके अलावा कई परिवारों ने प्रवासन के मूल कारणों में सूबे में रोजगार के मौकों की कमी, अल्प रोजगार, कमजोर सिस्टम व कम आय को बताया व कुछ ने अन्य गैर आर्थिक कारणों को भी विलायत जाने की वजह बताई। सूबे के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो प्रदेश के करीब 13 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों में से कम से कम एक सदस्य रोजगार के लिए विदेश गया है।

उधर, बहुतों ने विदेश जाने के लिए जमीनें, घर, सोना व वाहन तक बेच दिए जबकि कई तो लाखों रुपये उधार लेकर विदेश गए। कमजोर तबके के अधिकतर लोगों ने जहां कामकाज के लिए यूएई का रुख किया तो बहुत से साधन संपन्न युवा स्टडी वीजा पर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया चले गए। कनाडा युवाओं की पहली पसंद बना।

औद्योगिक विकास से रोकेंगे पलायन

पलायन रोकने के लिए औद्योगिक विकास पर सरकार का सबसे ज्यादा फोकस रहेगा क्योंकि ये उद्योग रोजगार का सबसे बड़ा जरिया हैं। वे पंजाबी जिनका कारोबार विदेशों से स्थापित हैं उन्हें प्रेरित किया जाएगा कि वे अपने कारोबार की यूनिट पंजाब में खोलें। इसके अलावा देश-विदेश की नामी कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है ताकि वे भी पंजाब में आकर अपने प्लांट लगाएं। निवेश संबंधी कई एमओयू हो भी चुके हैं। राज्य में कौशल विकास, उद्यमिता और व्यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देकर युवाओं को हुनरबाज बनाने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा आधुनिक खेती से भी युवाओं को जोड़ने पर जोर रहेगा क्योंकि ये भी आय का बड़ा साधन है।

युवाओं की वापसी के लिए करेंगे प्रोत्साहित

जो युवा बाहर गए, वे सिस्टम से नाराज थे मगर विभिन्न माध्यमों के जरिये हम उन युवाओं का परदेस वापसी के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो पढ़ाई व काम के लिए बाहर गए हैं। साढ़े तीन साल में सिस्टम को काफी दुरुस्त बनाया है। उनके लिए रोजगार के अवसर अब यहीं उपलब्ध करवाए रहे हैं। युवा अपनी प्रतिभा से यहीं रोजगार पाएं, ऐसा कल्चर डेवलप किया जा रहा है। मैं खुद युवाओं से रूबरू होकर उन्हें रिवर्स माइग्रेशन के लिए प्रेरित कर रहा हूं।

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