
अक्सर हम अपनी ओरल हेल्थ को सिर्फ सुंदर मुस्कान या चमकते दांतों तक सीमित मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके दांत आपकी पूरी सेहत का आईना भी हैं? जी हां, दांतों में होने वाली कैविटी यानी सड़न, सिर्फ मुंह की समस्या नहीं होती, बल्कि यह शरीर के अंदर चल रहे कई असंतुलनों का संकेत भी हो सकती है।
मुंह में बसते हैं अरबों बैक्टीरिया
हमारे मुंह में अरबों की संख्या में बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं। जब हम सही तरीके से ब्रश या फ्लॉस नहीं करते, तो ये हानिकारक जीवाणु तेजी से बढ़ने लगते हैं। यही बैक्टीरिया न केवल दांतों में सड़न और मसूड़ों की सूजन पैदा करते हैं, बल्कि शरीर में सूजन बढ़ाकर कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं।
कैविटी का असर सिर्फ दांतों तक नहीं
शोध बताते हैं कि खराब ओरल हेल्थ का सीधा संबंध डायबिटीज, हार्ट डिजीज, सांस से जुड़ी बीमारियों और गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं से हो सकता है। अगर मसूड़ों में लगातार सूजन बनी रहती है, तो यह शरीर में सूजन का स्तर बढ़ाती है, जिससे दिल को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है।
वहीं, जिन लोगों को डायबिटीज है, उनमें दांतों की सड़न का खतरा और बढ़ जाता है, क्योंकि उनके लार की गुणवत्ता और शुगर लेवल बदल जाते हैं। यह बैक्टीरिया को बढ़ने के लिए आदर्श माहौल देता है।
मुंह बताता है शरीर का हाल
हमारे दांत और मसूड़े हमारे शरीर की स्थिति के सटीक संकेतक होते हैं। अगर शरीर में पोषण की कमी है, तनाव बढ़ा हुआ है या इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो ये लक्षण सबसे पहले हमारे मुंह में दिखाई देने लगते हैं- जैसे मसूड़ों से खून आना, मुंह के छाले या बार-बार कैविटी होना।
कैसे रखें ओरल हेल्थ को बेहतर?
कैविटी से बचाव सिर्फ एक सुंदर मुस्कान के लिए नहीं, बल्कि बेहतर सेहत के लिए भी जरूरी है। इसके लिए कुछ आसान आदतें अपनाना बहुत फायदेमंद हो सकता है:
दिन में दो बार ब्रश करें, खासकर रात को सोने से पहले।
मीठे और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन सीमित करें।
हर छह महीने में एक बार डेंटल चेकअप जरूर कराएं।
भरपूर पानी पिएं और बैलेंस डाइट लें जिसमें विटामिन और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में हों।



