हिमाचल प्रदेश: पीएम विश्वकर्मा योजना में प्रदेशभर से 19,700 का चयन

प्रदेशभर में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत अभी तक 19,700 लोगों का चयन किया गया है। ये स्वरोजगार शुरू करेंगे। इसके लिए विभाग की ओर से पात्र लोगों का चयन कर लिया है। तीन स्तरीय जांच के बाद व्यक्ति को पात्रता दी गई है। स्वरोजगार की शुरुआत के लिए एक लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय संबंधित पात्र लोगों को प्रशिक्षित भी करेगा।

दो लाख से अधिक लोगों ने योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन किया था। इसमें से पात्रता और जांच के बाद व्यक्तियों का चयन किया। अन्य की चयन प्रकिया मंत्रालय जारी है। चयन प्रक्रिया में जिला उपायुक्त, महाप्रबंधक उद्योग विभाग अहम भूमिका निभा रहे हैं। व्यक्ति को 18 पारंपरिक व्यवसायों में से एक में स्वरोजगार दिया जा रहा है। उद्यम को शुरू करने के लिए राष्ट्रीय विपणन समिति तक सहायता कर रही है। इसी के साथ गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग जैसी सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।

पीएम विश्व कर्मा योजना के तहत एमएसएमई उद्यम खोलने के लिए कौशल सत्यापन के बाद सप्ताह में 40 घंटे का प्रशिक्षण मंत्रालय दे रहा है। प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन भत्ता दिया जा रहा है। टूलकिट प्रोत्साहन के लिए 15000 रुपये अनुदान दिया जा रहा है। 18 महीने के लिए एक लाख रुपये तक का लोन पांच फीसदी ब्याज पर दिया जा रहा है। व्यक्ति समय पर लोन वापस देता है तो दो लाख रुपये तक का अतिरिक्त ऋण ले सकता है। व्यवसाय शुरू करने के बाद प्रचार मंत्रालय की साइट से किए जाने की सुविधा प्रदान की गई है।

इन श्रेणियों को किया है शामिल

पीएम विश्वकर्मा योजना में बढ़ई, नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, मरम्मतकार, मूर्तिकार, सुनार, कुम्हार, मिस्त्री, टोकरी/चटाई/क्वॉचर बुनकर/झाडू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, बार्बर, माली, वाशरमैन, टेलर, मछली का जाल बुनने वाले शामिल हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना में 19,700 लोगों को उद्यम स्थापित करने के लिए पात्रता दे दी गई है। असंगठित क्षेत्र में हाथ और औजारों से काम करने वाले गुरु शिष्य परंपरा से संबंधित 18 पारंपरिक व्यवसायों के कारीगरों को फायदा दिया जा रहा है।

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