
चिशोती में बादल फटने से हताहत हुए लोगों और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की प्रक्रिया तय हो गई है। केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार प्रभावितों को राहत पहुंचाई जाएगी। इसमें एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के माध्यम से भुगतान किया जाएगा।
हादसे में जान गंवाने वालों से लेकर संपत्ति का नुकसान झेलने वालों तक के लिए केंद्र सरकार ने जुलाई 2023 में नए प्रावधान बनाए थे। इसके तहत मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। हादसे में अंगभंग होने या आंख की रोशनी जाने की स्थिति में 74 हजार रुपये तक की मदद दी जाएगी। यह सहायता 40 से 60 प्रतिशत दिव्यांगता की स्थिति में मिलेगी। वहीं, 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता होने पर ढाई लाख रुपये देने का प्रावधान है।
चिशोती हादसे में जिन घायलों का अस्पताल में करीब एक सप्ताह तक इलाज चला, उन्हें एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की ओर से 16 हजार रुपये की मदद मिलेगी। एक सप्ताह से कम समय तक अस्पताल में भर्ती रहने वालों को 5400 रुपये की सहायता का प्रावधान है। जिन घायलों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार कराया है, वे वित्तीय सहायता के हकदार नहीं होंगे। इसी तरह कपड़े और सामान बह जाने वाले मामलों में प्रभावितों को पांच हजार रुपये की सहायता मिलेगी।
इनमें 2500 रुपये कपड़ों और 2500 रुपये घर का सामान गंवाने वालों को देने का प्रावधान है। इसके अलावा, जिन ग्रामीणों की आजीविका प्रभावित हुई है, उनके परिवारों में से दो वयस्कों को मनरेगा के तहत रोजगार दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
केंद्र सरकार ने 30 से 60 दिनों के भीतर यह मदद मुहैया कराने का फैसला किया है। फसल बर्बाद हुई है तो एक हेक्टेयर पर 18 हजार रुपये की मदद मिलेगी। यह मदद 2200 रुपये प्रति किसान से कम नहीं होगी। भूस्खलन से उपजाऊ जमीन बर्बाद होने पर 47 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है, जो प्रति किसान पांच हजार रुपये से कम नहीं होगा। 33 प्रतिशत फसल बर्बाद होने की स्थिति में 8500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मदद दी जाएगी, जो एक हजार रुपये प्रति किसान से कम नहीं होगी। सिंचाई योजना प्रभावित होने पर 17 हजार रुपये की मदद दी जाएगी, जो दो हजार रुपये प्रति किसान से कम नहीं होगी।
अब तक चार करोड़ बांटे, 63 शवों की पहचान
चिशोती हादसे में 63 शवों की पहचान होने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने परिजनों को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि वितरित की है। हादसे के बाद से अब तक आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कुल चार करोड़ 13 लाख रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है