
पहाड़ों पर बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे में अलग-अलग पानी छोड़ा जा रहा है। जिससें पानीपत जिला की सीमा में यमुना नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है। यमुना नदी में वीरवार शाम को चेतावनी स्तर 231 मीटर के आसपास आधा मीटर नीचे पानी चल रहा है। वीरवार को हथिनीकुंड बैराज से अलग-अलग घंटों में छोडे़ जा रहे पानी से पानी पानीपत में हरिद्वार हाईवे स्थित यमुना पुल के पास चेतावनी स्तर को पार कर सकता है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. आशीष कुमार ने शुक्रवार को बारिश की संभावना जताई है।
जानकारी के अनुसार हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाला पानी करीब 24 घंटे बाद पानी की सीमा में प्रवेश करता है। जब पानी का दबाव ज्यादा होता है तो वह 24 घंटे से भी कम समय में पानीपत पहुंच जाता है। यमुना में पानी का दबाव ज्यादा है और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार बैराज से छोडे़ जाने वाला पानी अब 24 घंटे से भी कम समय में पानीपत की सीमा में प्रवेश कर जाएगा। पानीपत की सीमा के बाद करीब 12 घंटे बाद पानी दिल्ली की सीमा में प्रवेश करता है। यमुना पुल पर केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारियों व सिंचाई विभाग पानीपत के अधिकारियों का मानना है कि शुक्रवार रात तक पानी चेतावनी स्तर को पार कर सकता है।
भूमि कटाव बढ़ गया
यमुना नदी उफान पर हैं। यमुना का जल स्तर चेतावनी स्तर के आसपास पहुंचने वाला हैं। वही गांव नवादा-आर के पास यमुना के जल स्तर से बढ रहा भूमि कटाव तेज गति से बढ़ रहा हैं। सिंचाई विभाग ने दो दिनों से भूमि कटाव रोकने को लेकर लगाए गए मजूदरों को भी हटा रखा है। विभाग ने भूमि कटाव तेज होने पर 20 एकड़ पर भूमि कटाव में पोपूलर के पेड़ व फसलें भी बह कर जा रही हैं। ऐसे में किसानों में भारी रोष है।
सिंचाई विभाग ने जेई, बेलदारों की छुट्टी की रद्द
हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी से सिंचाई विभाग पानीपत के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम सतर्क हो गई है। जेई, बेलदारों की छुट्टियां रद्द कर दी है और पानीपत जिला की सीमा में गांव राणा माजरा से लेकर हथवाला तक करीब 36 किमी के एरिया में जेई मोहित व प्रदीप जेई अपनी बेलदारों की टीमों के साथ यमुना तटबंध पर लगातार गश्त कर रहे है। एक्सईएन सुरेश सैनी व एसडीओ सतीश कुमार भी निरंतर जानकारी ले रहे हैं। एक्सईएन सुरेश सैनी का कहना है कि बाढ़ बचाओ प्रबंधन के तहत पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। तटबंध के पास कई स्थानों पर एहतियात को तौर पर हजारों कट्टे मिट्टी के भरकर रख दिए हैं।