हिंसा फैलाने वाले ‘शैतानों’ के खिलाफ सरकार की बड़ी कार्रवाई, 1300 से ज्यादा गिरफ्तार

नई दिल्ली। बांग्लादेश के सुरक्षा बलों ने शनिवार को शुरू किए गए एक बड़े एक्शन में सोमवार तक 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य पिछले कुछ दिनों से देश में जारी हिंसा की नई लहर को दबाना है।

देशव्यापी अभियान को ऑपरेशन डेविल हंट नाम दिया गया है।

मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के परिवार और उनकी अवामी लीग पार्टी के प्रमुख सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों को निशाना बनाए जाने के बाद यह ऑपरेशन शुरु किया।

हिंसा तेज से पूरे देश में फैल गई, भीड़ ने अवामी लीग के प्रतीकों को निशाना बनाया और राजनीतिक गुटों के बीच तनाव बढ़ गया।

शुक्रवार रात गाजीपुर जिले में छात्रों और नागरिकों पर हमले के बाद अंतरिम सरकार ने शनिवार को ऑपरेशन डेविल हंट का आदेश दिया।

ऑपरेशन में शामिल संयुक्त बलों में सेना के जवान, पुलिस और विशेष इकाइयां शामिल हैं। अब तक, अधिकारियों ने पिछले चार दिनों में देश में फैली अशांति और हिंसा के सिलसिले में 1,300 लोगों को गिरफ्तार किया है।

अंतरिम सरकार ने देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे सभी शैतानों को जड़ से उखाड़ फेंकने की कसम खाई है।

हिंसा के दौरान सबसे भयावह घटनाओं में से एक तब हुई जब प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका में स्थित बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास में आग लगा दी। यह घर देश के इतिहास में अहम जगह रखता है क्योंकि यहीं से रहमान ने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी।

ऑपरेशन डेविल हंट की निगरानी एक कमांड सेंटर स्थापित किया गया है। मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन पूरे जोरों पर है, साथ ही कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं।

इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने अंतरिम सरकार से बढ़ती भीड़ संस्कृति को नियंत्रित करने और शांति बहाल करने की अपील की है।

 

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