भारत की मदद से श्रीलंका के स्कूलों में स्थापित होंगे ‘स्मार्ट क्लासरूम’

कोलंबो/(शाश्वत तिवारी)। भारत ने अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का अनुसरण करते हुए श्रीलंका में बेहतर एवं उन्नत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक कदम और आगे बढ़ाया है। भारत ने श्रीलंका के कुछ चुनिंदा स्कूलों में 60 स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने का फैसला किया है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने गुरुवार को 50 करोड़ से अधिक श्रीलंकाई रुपयों के बजट से स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना से जुड़े एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने जानकारी साझा करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा उच्चायुक्त संतोष झा और वृक्षारोपण एवं सामुदायिक बुनियादी ढांचा मंत्रालय के सचिव बी. के. प्रभात चंद्रकीर्ति ने भारत से एलकेआर 508 मिलियन की अनुदान सहायता के साथ श्रीलंका के वृक्षारोपण क्षेत्रों में ‘चयनित स्कूलों में 60 स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना’ पर एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

उच्चायोग ने एक अन्य पोस्ट में कहा इस परियोजना में श्रीलंका सरकार द्वारा चिन्हित नुवारा एलिया के 48 स्कूलों तथा कैंडी और बादुला जिलों के 6-6 स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों के लाभ के लिए स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना की परिकल्पना की गई है। स्मार्ट क्लासरूम में शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए ऑडियो, वीडियो, एनिमेशन, इमेज, और मल्टीमीडिया जैसी इडवांस तकनीकों का इस्तेमाल होता है, जिससे छात्रों को लगातार डिजिटल होती दुनिया में खुद को ढालने में मदद मिलेगी। बता दें कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत विभिन्न क्षेत्रों में श्रीलंका की निरंतर सहायता कर रहा है। एक दिन पहले ही बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त झा ने भारत सरकार से 30 करोड़ (श्रीलंकाई रुपये) की अनुदान सहायता के साथ ‘श्रीलंका के पुलिस स्टेशनों में उपयोग के लिए सिंगल कैब की आपूर्ति’ पर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इस परियोजना में श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के पुलिस स्टेशनों को 80 सिंगल कैब, स्पेयर पार्ट्स और सहायक उपकरण की आपूर्ति शामिल है, जो नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने, कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने से संबंधित श्रीलंकाई पुलिस की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करेगा।

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