संचारी रोग नियंत्रण अभियान में सभी विभाग आपसी समन्व से करें कार्य

ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में अभियान चलाकर सफाई का निर्देश

बाराबंकी।संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिलाधिकारी डा आदर्श सिंह ने विभागीय अफसरों के साथ जूम ऐप के माध्यम से बैठक की । इस दौरान डीएम ने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित दायित्वों को समझ लें तथा उसी के अनुरूप तैयारी प्रारम्भ कर दें । संचारी रोग नियंत्रण अभियान आगामी 01 जुलाई से 31 जुलाई तक एवं दस्तक अभियान 12 जुलाई से 25 जुलाई तक चलेगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान के प्रभावी रोकथाम के लिए तथा अभियान को सफल बनाने को माइक्रो प्लान तैयार कर लिया जाए। अभियान में सम्बन्धित विभाग एवं जुडे़ सभी अंतर्विभागीय समन्वय के साथ आपस में तालमेल बनाकर कार्य करें। उन्होने कहा संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाने के लिए मुख्य विभागों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, नगर विकास, पंचायती राज/ग्राम्य विकास, पशुपालन, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, कृषि एवं सिंचाई, सूचना, उद्यान आदि के मध्य उचित समन्वय एवं उसका योगदान महत्वपूर्ण है। अभियान के जरिये दिमागी बुखार सम्बन्धित शिक्षा एवं व्यवहार परिवर्तन के संदेश गांव के हर एक घर और परिवार तक पहुंचाने का लक्ष्य है, जिसे हर सम्भव प्रयास करके साकार किया जायें। इसमें आशा, आगनवाड़ी, एएनएम, जिसे हर सम्भव प्रयास करके साकार किया जायें। इसमें आशा, आगनवाड़ी, एएनएम, स्कूल शिक्षक, ग्राम प्रधान/ग्राम विकास अधिकारी का विशेष सहयोग लिया जाय। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, सहित सम्बन्धित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

संचारी रोगों से बचाव के उपाय-

घरों के आसपास गंदा पानी न जमा हो, कूलरों में पानी जमा न करें, मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी लगाये, पूरे आस्तीन की कमीज और फुल पैंट पहनें, सुअरों को घर से दूर रखें, पीने के लिए शुद्ध पेयजल का प्रयोग करें, पानी हमेशा ढक कर रखें, पक्के व सुरक्षित शौचालय का प्रयोग करें, शौच के बाद व खाने के पहले साबुन से हाथ अवश्य धोएं, नाखूनों को काटते रहें, लंबे नाखूनों से भोजन बनाने व खाने से भी बीमारी होती है, बासी भोजन नहीं करना चाहिेए, दिमागी बुखार के मरीज को दाएं या बाएं करवट लिटाएं, यदि तेज बुखार हो तो पानी से बदन पोंछते रहे।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube