उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं। गायत्री ने गिरफ़्तारी पर रोक के लिए अर्जी लगाई है। गायत्री प्रजापति पर एक महिला ने बलात्कार और उसकी बेटी का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था।
महिला ने यूपी पुलिस से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, कोर्ट ने यूपी पुलिस को बलात्कार के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था अमेठी से समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे गायत्री प्रजापति को पुलिस ने अभी गिरफ्तार नहीं किया है।
इसी बीच गायत्री प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है और अपनी गिरफ़्तारी पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की है। वही लखनऊ में मामला दर्ज होने के बाद सीओ आलमबाग अमिता सिंह को जांच करने के लिए कहा गया है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि पीडि़ता जहां चाहेगी वहां सुरक्षा मिलेगी। सुरक्षा को लेकर कोताही नहीं बरती जाएगी, ऐसा यूपी पुलिस की तरफ से आश्वासन दिया गया है।
लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में दर्ज हुआ मुक़दमा
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश के बाद गौतमपल्ली थाने में मंत्री गायत्री प्रजापति पर मुकदमा दर्ज हो गया। क्राइम नंबर 29-17 पर गायत्री प्रजापति के अलावा पांच अन्य आरोपियों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 511 504, 506 के 3/4 और 376-D के अलावा गायत्री प्रजापति पर पॉक्सो एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
एक महिला ने गायत्री प्रजापति पर बलात्कार करने और उसकी बच्ची के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद यूपी पुलिस ने अखिलेश यादव के करीबी मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।