हड्डी को गला देने वाली ठंड ने आम जन-जीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त कर रखा है। लोग बेहद जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। इसके चलते जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। दुकानदार अपने-अपने प्रतिष्ठान के सामने अलाव जलाकर ठंड से बचने का प्रयास करते दिखे।
जिला मुख्यालय पर फैजाबाद रोड, पुरानी तहसील तिराहा, शहजादपुर चौक, बस स्टेशन व रेलवे स्टेशन पर जल रहे अलाव के सामने बैठकर लोग शरीर को गर्म रखने की कोशिश करते दिखे। इसके अलावा सरकारी व निजी कार्यालयों में मुख्य दरवाजा व केबिन बंद कर ठिठुरते हुए कर्मचारियों ने कार्य किया। कड़ाके की ढंज पड़ने के बावजूद ज्यादातर सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है।
अकबरपुर निवासी वृद्ध राजदेव ने कहा कि लगभग एक दशक बाद इस तरह की ठंड पड़ी है। धूप रहने पर भी गलन से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। भीटी की इंद्रावती व राजबहादुर ने कहा कि जिस तरह से इस बार लंबे समय तक ठंड का प्रकोप बना है, वह काफी समय बाद देखने को मिला।
जलालपुर के शेख मोहम्मद व टांडा के अवधेश प्रसाद ने कहा कि कोहरे वाली ठंड जल्दी दूर होती है लेकिन बर्फबारी के चलते पड़ने वाली ठंड लंबे समय तक रहती है। ठंड के दौर के बीच किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। उनका कहना है कि यदि इसी तरह सर्द हवा व गलन का दौर जारी रहा तो पाला पड़ने की आशंका अधिक है।
यदि पाला पड़ेगा तो इसका प्रतिकूल असर आलू व फूल वाली फसलों पर पड़ सकता है। अकबरपुर के किसान श्यामनरायन व ओमप्रकाश ने बताया कि वैसे तो अभी कोई नुकसान फसल को नहीं है लेकिन यदि पाला पड़ता है तो इससे आलू, सरसों, मटर की फसल को नुकसान हो सकता है। कड़ाके की ठंड के बीच शुक्रवार को छात्र-छात्राओं को ठिठुरते हुए विद्यालय जाना पड़ा।
हालांकि परिषदीय विद्यालयों में उपस्थिति एक तरफ जहां काफी कम थी, वहीं निजी विद्यालयों में भी छात्र-छात्राओं की संख्या पूर्व की अपेक्षा कम थी। गौरतलब है कि हाड़कंपाऊ ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने इंटरमीडिएट तक के सभी विद्यालय अलग-अलग चरणों में 11 जनवरी तक बंद रखने का निर्देश दिया था।
कड़ाके की ठंड के बावजूद विद्यालयों में अवकाश आगे नहीं बढ़ाया गया तो छात्र-छात्राओं को ठिठुरते हुए विद्यालय जाने को विवश होना पड़ा। सबसे अधिक समस्या उन विद्यालय के छात्र-छात्राओं को हो रही जिनके खुलने का समय सुबह आठ या नौ बजे है। अभिभावकों ने कड़ाके की ठंड को देखते हुए सभी विद्यालयों का समय सुबह दस बजे से अपराह्न दो बजे तक कराने की मांग की है।
उनका कहना है कि सुबह-सुबह कड़ाके की ठंड के बीच विद्यालय जाने से छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उधर, खराब मौसम के चलते ट्रेन के निरस्त होने व विलंब से अकबरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को पूर्वाहन 11 बजे अकबरपुर पहुंचने वाली फरक्का डाउन एक्सप्रेस निरस्त होने की जानकारी यात्रियों को दी गई।
इससे 12 यात्रियों को टिकट कैंसिल कराना पड़ा। कुछ यात्रियों ने जहां यात्रा ही रद्द कर दी, वहीं अन्य लोगों को दूसरी ट्रेन का सहारा लेना पड़ा। इसके अलावा साबरमती डाउन एक्सप्रेस शुक्रवार सुबह निर्धारित समय साढ़े पांच बजे से 11 घंटा विलंब से अकबरपुर पहुंचने की जानकारी दी गई, तो मरुधर डाउन एक्सप्रेस सुबह साढ़े सात बजे से ढाई घंटा विलंब से पहुंची।
दून अप एक्सप्रेस निर्धारित समय साढ़े 12 बजे से साढ़े 3 घंटा, तो डाउन एक्सप्रेस निर्धारित समय 1 बजे से तीन घंटा विलंब से पहुंची। सद्भावना अप एक्सप्रेस निर्धारित समय 2 बजकर 15 मिनट से 6 घंटा, तो सरयू-यमुना अप एक्सप्रेस शुक्रवार देर शाम निर्धारित समय 9 बजे से साढ़े 6 घंटा विलंब से पहुंचने की जानकारी दी गई। उधर स्टेशन अधीक्षक एसएन सिंह ने बताया कि मौसम का प्रतिकूल प्रभाव ट्रेन की रफ्तार पर पड़ा है।