
हिमाचल प्रदेश में केंद्रीकृत ट्रैफिक प्रबंधन सिस्टम (आईटीएमएस) लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले चरण में प्रदेश के 15 में से 13 पुलिस जिलों में नई व्यवस्था लागू की जा रही है। आईटीएमएस लागू होने के बाद कैमरों से ट्रैफिक नियंत्रित होगा और नंबर प्लेट की पहचान कर चालान कटेगा। इतना ही नहीं, ट्रैफिक की 24 घंटे सातों दिन निगरानी के बाद डाटा का विश्लेषण कर जाम की समस्या के समाधान और हादसों में कमी की योजनाएं लागू की जाएंगी।
लाहौल-स्पीति और देहरा पुलिस जिला को छोड़कर अन्य सभी जिलों में केंद्रीकृत ट्रैफिक प्रबंधन सिस्टम लागू किया जा रहा है। हिमाचल में 12 जिलों के अलावा बद्दी, देहरा और नूरपुर पुलिस जिला है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक चालान (ई-चालान) जारी होंगे और इसकी जानकारी वाहन मालिक के मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से भेजी जाएगी। आईटीएमएस के तहत सीसीटीवी, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे (एएनपीआर), स्पीड डिटेक्शन सिस्टम, रेड लाइट वॉयलेशन सिस्टम और ट्रैफिक एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर तैनात किया जाएगा। इससे सिग्नल जंप, ओवरस्पीडिंग, हेल्मेट न पहनना या सीट बेल्ट का उल्लंघन खुद ही रिकॉर्ड होगा और उनका डेटा केंद्रीय सर्वर पर सुरक्षित रहेगा।
हर जिला मुख्यालय में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा, जहां 24 घंटे सातों दिन ट्रैफिक मूवमेंट की निगरानी होगी। सिस्टम में आने वाला डेटा न केवल चालान के लिए उपयोग में आएगा, बल्कि इस डेटा के आधार पर ट्रैफिक के दबाव वाले क्षेत्रों की पहचान कर ट्रैफिक रूट प्लानिंग, सड़क निर्माण और जाम प्रबंधन की रणनीति भी तैयार होंगी। आईटीएमएस लागू होने से ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी, डिजिटल और तेज होगी। यह अत्याधुनिक सिस्टम सड़क सुरक्षा को बढ़ाएगा, ट्रैफिक जाम को कम करेगा और परिवहन व्यवस्था को सुचारू बनाएगा।



