
हिमाचल प्रदेश के चंबा और जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह प्रशासन ने वाया चंबा वैष्णो देवी यात्रा शुरू करने की दिशा में पहल की है। दोनों राज्यों के प्रशासन ने एकजुट होकर पंजाब और डलहौजी होते हुए चंबा से भद्रवाह के रास्ते श्रद्धालुओं को वैष्णो देवी जाने का नया विकल्प देने की तैयारी की है। इससे न सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध भी मजबूत होंगे। योजना के पहले चरण में सलूणी से भद्रवाह तक बाइक रैली करवाने का प्रस्ताव है। इस रैली से दोनों जिलों के प्रशासन के बीच सामंजस्य और सहयोग का संदेश जाएगा।
हालांकि, भद्रवाह क्षेत्र में बर्फबारी और खराब मौसम के कारण बाइक रैली को कुछ समय के लिए आगे बढ़ाया गया है। मौसम अनुकूल होते ही इसे करवाया जाएगा। उधर, चंबा और भद्रवाह को जोड़ने वाले प्रस्तावित नेशनल हाईवे को एनएचएआई की मंजूरी मिल चुकी है। लगभग 130 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के बनने पर हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के बीच व्यापार और पर्यटन की आवाजाही में बड़ा परिवर्तन आएगा। हाईवे बनने से जहां हिमाचल के श्रद्धालुओं के लिए वैष्णो देवी यात्रा आसान होगी, वहीं जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए मणिमहेश और चंबा घाटी पहुंचना भी सरल हो जाएगा।
पहले के रूट से घटेगा सफर
चंबा से वैष्णो देवी मंदिर पहुंचने के लिए 150 किमी चंबा से पठानकोट है। पठानकोट से कटरा तक अमूमन 180 किमी का सफर तय करना पड़ता है। कटरा से 13 किमी पर माता का दरबार है। कुल मिला 343 किमी सफर तय कर पहुंचना पड़ेगा। वहीं, डलहौजी से सलूणी 65 किमी, सलूणी से भद्रवाह 75 किमी, भद्रवाह से कटरा तक 185 किमी और कटरा से मंदिर तक 13 किमी सफर तय करना पड़ता है। कुल मिलाकर 338 किमी का सफर तय कर पहुंचा जा सकेगा। यदि प्रस्तावित हाईवे तैयार होता है तो इससे भी कम समय में मंदिर में शीश नवाने चंबा से होकर श्रद्धालु पहुंच सकेंगे।
सेना को भी मिलेगा लाभ
वाया चंबा होकर भद्रवाह तक नियमित मार्ग चालू होने से सीमा क्षेत्र में सैन्य आपूर्ति और सुरक्षा व्यवस्थाएं और मजबूत होंगी, साथ ही स्थानीय लोगों को आर्थिक अवसर मिलेंगे। वैष्णो देवी यात्रा को वाया चंबा शुरू करने को लेकर भद्रवाह प्रशासन के साथ सहयोग की प्रक्रिया जारी है। पहले चरण में सलूणी-भद्रवाह बाइक रैली प्रस्तावित है, जिसे मौसम सुधरते करवाया जाएगा।



