
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आदेश का पालन नहीं करने पर वित्त आयुक्त (अपील) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि आदेशों की अवहेलना करने पर क्यों न वित्त आयुक्त के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए। वित्त आयुक्त को 16 दिसंबर तक नोटिस का जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है। न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने कहा कि कोर्ट के आदेश दरकिनार करने का प्रयास अदालत की गरिमा और न्याय प्रशासन के लिए अपमानजनक है।
वित्त आयुक्त अपील एक उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और स्पष्टीकरण मांगने के लिए कोई आवेदन भी दाखिल नहीं किया गया था। सुनवाई में अतिरिक्त महाधिवक्ता ने वित्तायुक्त अपील की ओर से यह तर्क दिया कि उन्हें फैसले का पैरा 11 समझ में नहीं आया। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि अधिकारी फैसले को समझ नहीं पाए, तो वह अदालत में आवेदन कर बात स्पष्ट करने की मांग कर सकते थे। यह मामला विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश किरायेदारी और भूमि सुधार अधिनियम के तहत संबंधित पक्षों को आवंटित भूमि से जुड़ा है। 17 सितंबर को कोर्ट ने याचिका खारिज करते समय वित्तायुक्त को आदेश के पैरा 11 में दिए अवलोकन और निष्कर्षों के संबंध में आठ हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।



