
घाटी में जल्द ही डल झील और झेलम नदी की लहरों पर जल मेट्रो दौड़ेगी। श्रीनगर जल मेट्रो के सपने को साकार करने के लिए शुक्रवार को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। अभी तक देश में यह सुविधा सिर्फ केरल के कोच्चि शहर में ही मौजूद है।
समझौते के तहत करीब 900 करोड़ की लागत से डल झील पर दस टर्मिनल वाले पांच मार्ग और झेलम नदी पर आठ टर्मिनल वाले दो मार्ग बनाए जाएंगे। इसे कोच्चि जल मेट्रो परियोजना की तर्ज पर बनाया जाएगा। परिवहन मंत्री सतीश शर्मा, परिवहन विभाग के सचिव अवनी लवासा और कश्मीर के आरटीओ काजी इरफान की उपस्थिति में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को औपचारिक रूप से समझौता ज्ञापन प्रदान किया गया।
समझौते के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार आवश्यक मंजूरी, भूमि अधिग्रहण और संबद्ध बुनियादी ढांचे के विकास सहित प्रशासनिक और रसद सहायता प्रदान करेगी। यह प्रदेश के व्यापक शहरी परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र में जल मेट्रो को एकीकृत करते हुए कुशल प्रथम और अंतिम मील कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेगी। आईडब्ल्यूएआई इस परियोजना के लिए तकनीकी विशेषज्ञता और मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
करीब 900 करोड़ की परियोजना में स्थानीय यात्री आवागमन के लिए इलेक्ट्रिक-हाइब्रिड नौकाओं के जरिये जल परिवहन कनेक्टिविटी स्थापित करने की योजना है। इसके तहत डल झील पर दस टर्मिनल वाले पांच मार्ग और झेलम नदी पर आठ टर्मिनल वाले दो मार्ग शामिल हैं। यह नेटवर्क मौजूदा सड़क मार्ग का विकल्प होगा जो पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल होगा।
क्या है जल मेट्रो और कितना फायदेमंद
जल मेट्रो एक ऐसी मेट्रो सेवा है जो पानी पर चलती है। इसकी सुविधा और अंदर की व्यवस्था मेट्रो ट्रेन जैसी होती है। काफी कम किराये और कम समय में यात्री इसमें बैठकर एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं। जल मेट्रो में प्रयोग की जाने वाली इलेक्ट्रिक नावों से हानिकारक कार्बन का उत्सर्जन काफी कम होता है जो पर्यावरण के अनुकूल है। यह यात्रियों को खूबसूरत बैकवाटर का नजारा भी प्रदान करती है। इसे पर्यटक काफी पसंद करते हैं।
कोच्चि में चल रही है देश की पहली जल मेट्रो
भारत की पहली जल मेट्रो केरल के कोच्चि में है संचालित हो रही है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2023 में किया था। यह कोच्चि और उसके आसपास के 10 द्वीपों को जोड़ने वाली एक नाव-आधारित परिवहन प्रणाली है। 78 इलेक्ट्रिक नावों के जरिए कम समय और किफायती टिकट दर पर रोजाना हजारों यात्री इससे सफर कर रहे हैं।



