
सरकार जल्द ही प्रस्तावित 2,250 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन के तहत सहायता उपायों की घोषणा कर सकती है। इसका उद्देश्य अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं से उद्योग को बचाना है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, हम निर्यातकों के साथ बातचीत कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हम उन्हें व्यापार में आसानी जैसे विभिन्न तरीकों से कैसे सर्वोत्तम सहायता प्रदान कर सकते हैं। अधिकारी ने कहा, हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि घरेलू खपत को कैसे बढ़ावा दिया जाए। हम नई आपूर्ति श्रृंखलाओं, नए बाजारों और नए उत्पादों पर विचार कर रहे हैं, जिन पर हम कब्जा कर सकें। इस मिशन में छोटे एवं मझोले उद्योगों यानी एमएसएमई और ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए आसान ऋण योजनाएं, विदेशी वेयरहाउसिंग की सुविधा और उभरते निर्यात अवसरों का लाभ उठाने के लिए वैश्विक ब्रांडिंग पहल जैसे घटक शामिल हो सकते हैं। सरकार ने 1 फरवरी को 2,250 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस मिशन की स्थापना की घोषणा की।
विदेशी निवेशकों ने अगस्त में भारतीय बाजार से निकाले 18 हजार करोड़ रुपये
विदेशी निवेशकों ने अगस्त महीने में भारतीय बाजार से करीब 18 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। विदेशी निवेशकों के भारतीय शेयर बाजार में भरोसे की कमी का कारण अमेरिका और भारत के व्यापारिक रिश्तों में तनाव, निराशाजनक कॉर्पोरेट आय और भारतीय रुपये का कमजोर होना है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इसके साथ ही, 2025 तक शेयरों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा कुल निकासी 1.13 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। आंकड़ों से पता चलता है कि इस महीने (8 अगस्त तक) एफपीआई ने शेयरों से 17,924 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। जुलाई में विदेशी निवेशकों ने 17,741 करोड़ रुपये निकाले थे। इससे पहले, मार्च से जून तक के तीन महीनों में एफपीआई ने 38,673 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
शीर्ष कंपनियों का बाजार मूल्यांकन एक लाख करोड़ रुपये कम हुआ
देश की शीर्ष 10 मूल्यवान कंपनियों में से छह का संयुक्त बाजार मूल्यांकन (Combined Market Valuation) पिछले सप्ताह 1,36,151 करोड़ रुपये घट गया, जिसमें सबसे ज्यादा झटका रिलायंस इंडस्ट्रीज को लगा। शेयर बाजार में मंदी के चलते बाजार मूल्यांकन में कमी आई है। शेयर बाजार में लगातार छठे हफ्ते गिरावट का सिलसिला जारी है। देश की शीर्ष 10 कंपनियों में से, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस और हिंदुस्तान यूनिलीवर के बाजार मूल्यांकन में गिरावट आई, जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), भारतीय स्टेट बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और बजाज फाइनेंस को फायदा हुआ।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 34,710 करोड़ रुपये घटकर 18,51,174 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 29,722 करोड़ रुपये घटकर 15,14,303 करोड़ रुपये रह गया। आईसीआईसीआई बैंक का एमकैप 24,719 करोड़ रुपये घटकर 10,25,495 करोड़ रुपये और इंफोसिस का 19,504 करोड़ रुपये घटकर 5,91,423 करोड़ रुपये रह गया। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 15,053 करोड़ रुपये घटकर 10,59,850 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का 12,441 करोड़ रुपये घटकर 5,87,021 करोड़ रुपये रह गया।
एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 17,678 करोड़ रुपये बढ़कर 5,77,187 करोड़ रुपये हो गया। टीसीएस का मूल्यांकन 11,360 करोड़ रुपये बढ़कर 10,97,908 करोड़ रुपये हो गया। वहीं भारतीय स्टेट बैंक के बाजार मूल्यांकन में 9,784 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई, जिससे उसका मूल्यांकन 7,42,649.34 करोड़ रुपये हो गया, और बजाज फाइनेंस का मूल्यांकन 186.43 करोड़ रुपये बढ़कर 5,45,148.52 करोड़ रुपये हो गया।