शिमला के दो सरकारी कर्मी भी बघाट बैंक के डिफाल्टर, गिरफ्तारी वारंट जारी

बघाट बैंक ऋण मामले में सहायक पंजीयक की अदालत ने दो सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी गिरफ्तारी के वारंट जारी कर दिए हैं। यह कर्मचारी बार-बार सूचित करने के बाद भी पैसा जमा नहीं करवा रहे थे। एआरसीएस की अदालत ने बीते 25 अक्तूबर को 9 डिफाल्टरों की सूची जारी की थी, जिसमें इन कर्मचारियों के नाम भी हैं और यह दोनों जिला शिमला में कार्यरत हैं। एक कर्मचारी ने करीब 60 लाख रुपये का ऋण लिया है, जबकि दूसरे पर 4 लाख का लोन है।

इसके अलावा बैंक के पूर्व निदेशक भी डिफाल्टरों की सूची में शामिल हैं। पूर्व निदेशक ने 16 लाख रुपये का लोन लिया था। हालांकि, गिरफ्तारी के डर से बुधवार को 2.50 लाख रुपये भी बैंक में जमा करवा दिए। उधर, दोनों कर्मचारियों की ओर से लिया गया लोन एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) हो गया है। इससे बैंक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सरकारी कर्मचारियों के ऋण की मासिक किस्त की वसूली इनके वेतन से भी की जा सकती थी लेकिन दोनों मामलों में ऐसा नहीं हुआ। इसके चलते यह कर्मचारी अब उस डिफाल्टर सूची में शामिल हो गए हैं और अब इन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

एसपी शिमला के कार्यालय तक आदेश पहुंचने के बाद इनकी गिरफ्तारी हो सकती है। सहायक पंजीयक सहकारी समिति सोलन की अदालत ने 17 अक्तूबर को बघाट बैंक के 13 डिफाल्टर को गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए थे। इसमें जिला सोलन के चार, शिमला के सात और सिरमौर के दो डिफाल्टर हैं। एआरसीएस की ओर सभी की गिरफ्तारी के लिए पत्र एसपी सोलन को ही लिखा गया है। सोलन पुलिस ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए चार में से दो ऋण डिफाल्टरों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक ने गिरफ्तारी के डर से कुछ पैसा जमा करवा दिया, जबकि एक अन्य पर गिरफ्तारी की तलवार अभी लटकी हुई है। इसमें अभी तक शिमला के सात व सिरमौर के दो ऋण डिफाल्टरों ने न तो एआरसीएस के पास ऋण का पैसा जमा किया है और न ही उनकी गिरफ्तारी हुई है। जब तक यह आदेश एसपी शिमला व सिरमौर को जारी नहीं होंगे तब तक कार्रवाई नहीं होगी।

विवेकानंद कल्याण संघ मिला अध्यक्ष से

बघाट बैंक में चल रहे मामले को लेकर विवेकानंद कल्याण संघ के पदाधिकारी विवेक डोभाल व अभिषेक ठाकुर के नेतृत्व में बैंक अध्यक्ष अरुण शर्मा से मिले। उन्होंने बैंक की मौजूदा स्थिति पर गंभीर चिंता जताई और खाताधारकों के हितों की रक्षा को लेकर कार्रवाई करने की मांग की। बैठक के दौरान विवेकानंद कल्याण संघ ने बैंक प्रबंधन पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का दबाव बनाया।

यह है मामला

आरबीआई ने इसी माह बैंक से 10 हजार से अधिक की निकासी पर रोक लगा दी है। बैंक का 138 करोड़ रुपये का ऋण एनपीए हो चुका है। बैंक की मानें तो वर्ष 2022 में यह 322 करोड़ रुपये था जिसमें से 184 करोड़ रुपये की रिकवरी हो चुकी है, लेकिन इसमें से 138 करोड़ रुपये 499 ऋणधारकों के पास फंस गया है। वे पिछले कई वर्षों से ऋण का भुगतान नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि बैंक की एनपीए दर 13 फीसदी से अधिक हो गई है।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube