यूक्रेनी राष्ट्रपति की मांग- रूस के तेल पर प्रतिबंध और बढ़ाए अमेरिका

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को अमेरिका से अपील की कि वह रूस की दो तेल कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंधों को बढ़ाकर पूरे रूसी तेल क्षेत्र के लिए लागू करे। उन्होंने साथ ही अमेरिका से लंबी दूरी की मिसाइलों की भी मांग की, ताकि यूक्रेन की तरफ से रूस के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जा सके।

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह बयान ब्रिटेन के लंदन में दिया। वे यहां यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक में शामिल हुए। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन को आश्वासन दिया कि अगर रूस के साथ उसका संघर्ष विराम लागू हो जाता है तो यूरोपीय देश भविष्य में रूसी हमलों से यूक्रेन की रक्षा के लिए सैन्य सहायता मुहैया कराएंगे।

रूसी तेल क्षेत्र पर दबाव की रणनीति

यूरोपीय देश के नेताओं और जेलेंस्की की बैठक ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर की मेजबानी में हुई। जेलेंस्की ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का हालिया निर्णय, जिसमें रूस की कुछ कंपनियों पर तेल प्रतिबंध लगाए गए हैं, एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, “हमें केवल रोसनेफ्ट और लुकोइल पर नहीं, बल्कि सभी रूसी तेल कंपनियों पर दबाव डालना चाहिए।”

जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेन अपनी ओर से भी ड्रोन और मिसाइलों के जरिए रूसी तेल क्षेत्र को निशाना बना रहा है। इसी के साथ उन्होंने अमेरिका से मांग की कि वह यूक्रेन की रूस में हमले की क्षमता बढ़ाने के लिए लंबी दूरी तक मार करने वाली टॉमहॉक मिसाल मुहैया कराए।

पुतिन पर भड़के यूरोप-नाटो के नेता

जेलेंस्की से बातचीत के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा, “पुतिन ने एक बार फिर बातचीत का मौका ठुकरा दिया है और यूक्रेन की जमीन पर अव्यवहारिक मांगें रखी हैं। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।” दूसरी तरफ नाटो प्रमुख मार्क रुट ने कहा कि पुतिन “अब पैसे, सैनिकों और विचारों की कमी से जूझ रहे हैं।” इसके अलावा डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन औ प्रधानमंत्री डिक शूफ ने भी इस बैठक में रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर अपनी बात रखी। बताया गया है कि बैठक में 20 से ज्यादा नेता वीडियो लिंक से जुड़े थे।

लंदन में बैठक के दौरान एक संभावित रीएश्योरेंस फोर्स की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई, जो यूक्रेन की रक्षा में मदद करेगी। ब्रिटिश रक्षा मंत्री जॉन हीली ने कहा कि यह आकाश और समुद्र की सुरक्षा करने और यूक्रेनी सेना को प्रशिक्षित करने वाली ताकत होगी।

ट्रंप-पुतिन की बैठक टलने से अटकीं संघर्ष विराम की कोशिशें

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हंगरी के बुडापेस्ट में मुलाकात होनी थी। हालांकि, बाद में ट्रंप ने कहा है कि वह पुतिन से जल्द मुलाकात नहीं करेंगे क्योंकि वह समय की बर्बादी होगी। रूस अब तक युद्धविराम या शांति समझौते की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा सका है और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद नए रास्ते तलाश रहा है।

अमेरिकी न्योते पर वॉशिंगटन पहुंचे रूसी प्रतिनिधि

रूसी अधिकारी किरिल दिमित्रिएव शुक्रवार को अमेरिका पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि यह बैठक पहले से तय थी और अमेरिकी पक्ष के आमंत्रण पर हो रही है। वह अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात करेंगे। दिमित्रिएव पहले भी ट्रंप प्रशासन और क्रेमलिन के बीच कई वार्ताओं में शामिल रहे हैं।

इस बीच रूस की तरफ से यूक्रेन में सैन्य अभियान में तेजी लाए जाने की खबरें सामने आ रही हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि पिछले हफ्ते उसकी सेना ने 10 यूक्रेनी गांवों पर कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं रूस ने यह भी कहा कि उसने बीते कुछ दिनों में यूक्रेनी ड्रोन्स को भी मार गिराया है और उसके हमले की हर कोशिश नाकाम की है।

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