युवा भागीदारी व क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देगी बिम्सटेक यूथ समिट

गांधीनगर/ (शाश्वत तिवारी)। गुजरात के गांधीनगर में आयोजित प्रथम बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) युवा शिखर सम्मेलन का मंगलवार को समापन हुआ। बिम्सटेक के युवा नेताओं के इस तीन दिवसीय सम्मेलन में उद्यमिता, प्रौद्योगिकी, डिजिटल कनेक्टिविटी, सतत विकास और सबसे महत्वपूर्ण रूप से सीमा पार मजबूत संबंध बनाने सहित कई क्षेत्रों में क्षेत्र के लिए उत्पन्न चुनौतियों एवं अवसरों पर चर्चा की गई।
विदेश मंत्रालय के अनुसार सम्मेलन का उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के युवाओं में क्षेत्रीय सहयोग की भावना को बढ़ावा देना है। समिट की थीम ‘बिम्सटेक के भीतर आदान-प्रदान के लिए सेतु के रूप में युवा’ रखी गई थी। इस दौरान 7 बिम्सटेक सदस्य देशों- बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के 70 से अधिक युवा प्रतिनिधियों ने विभिन्न सत्रों में अपने विचार प्रस्तुत किए।

सम्मेलन का उद्घाटन शनिवार को युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में विदेशी प्रतिनिधियों ने ऐतिहासिक साबरमती आश्रम का दौरा किया। इसके अलावा उन्होंने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट सिटी) का दौरा भी किया, जहां उन्हें क्षेत्र के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और वित्त एवं प्रौद्योगिकी में हो रहे इनोवेशन को करीब से जानने का मौका मिला।

विदेश मंत्रालय ने कहा इस पहल से क्षेत्र की साझा विरासत का बंधन और मजबूत हुआ है, जो ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति, ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर)’ दृष्टिकोण के अनुरूप क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। इससे युवाओं के नेतृत्व वाली भागीदारी तथा क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

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