मोदी-पुतिन-चिनफिंग की मुलाकात से नरम पड़े अमेरिका के सुर…

शंघाई सहयोग संगठन शिखर बैठक में मोदी पुतिन और चिनफिंग की गर्मजोशीपूर्ण मुलाकात के बाद नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने भारत-अमेरिका साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर बताया है। दूतावास ने भारत सरकार की प्रशंसा करते हुए प्रगाढ़ रिश्तों का दावा किया है। यह पोस्ट उस दिन आई है जब एससीओ शिखर सम्मेलन में तीनों नेताओं के बीच सौहार्द दिखा।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से गर्मजोशी से हुई वार्ता के बाद नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास का कहना है कि भारत-अमेरिकी साझेदारी नई ऊंचाइयों को छू रही है। जबकि असलियत में दोनों देशों के बीच संबंध ट्रंप प्रशासन की व्यापार और टैरिफ नीतियों के कारण पिछले दो दशकों के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं।

नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को एक आश्चर्यजनक इंटरनेट मीडिया पोस्ट में भारत सरकार की प्रशंसा करते हुए प्रगाढ़ रिश्तों का दम भरा है। अमेरिकी दूतावास ने पोस्ट में कहा,”संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी नई ऊंचाइयों को छू रही है। यह 21वीं सदी का एक परिभाषित संबंध है। इस महीने हम उन लोगों, प्रगति और संभावनाओं को उजागर कर रहे हैं जो हमें आगे बढ़ा रहे हैं।”

पीएम मोदी-शी और पुतिन के बीच दिखी गर्मजोशी


यह पोस्ट उस दिन आई है जब पीएम मोदी और शी तथा पुतिन के बीच गर्मजोशी से बातचीत करते हुए कई फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल भी हुए हैं। एससीओ शिखर सम्मेलन में तीनों नेताओं के बीच स्पष्ट सौहार्द देखा गया। अमेरिकी दूतावास ने पोस्ट में कहा, ”नवाचार और उद्यमिता से लेकर रक्षा और द्विपक्षीय संबंधों तक, यह हमारे दोनों लोगों के बीच की स्थायी मित्रता है जो इस यात्रा को आगे बढ़ाती है। हैशटैग यूएसइंडियाएफडब्ल्यूडीफारआवरपीपुल का हिस्सा बनने का आग्रह किया है।

दोनों देशों के बीच की स्थायी मित्रता हमारे सहयोग की नींव


इस पोस्ट के साथ दूतावास ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की एक फोटो भी संलग्न की है, जिसमें उनका संदेश है। रुबियो ने इस संदेश में कहा, ”हमारे दोनों देशों के बीच की स्थायी मित्रता हमारे सहयोग की नींव है और हमें आगे बढ़ाती है जब हम अपने आर्थिक संबंधों की विशाल संभावनाओं को साकार करते हैं।”अमेरिकी दूतावास की यह पोस्ट दोनों देशों के बीच संबंधों को उजागर करने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही है। जबकि असल में नई दिल्ली और वा¨शगटन के बीच संबंध अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार के कारण इस समय गिरावट पर हैं।

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