
बुरहानपुर जिले में हुई महिला की जघन्य हत्या के बाद गुरुवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हिंदू संगठनों ने शहर बंद रखा और हत्यारे को कड़ी सजा देने की मांग की। गुरुवार देर शाम जिले के प्रभारी और प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनिस और नेपानगर विधायक मंजू दादू सहित प्रशासनिक अधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। मंत्री सिलावट ने परिवार को सांत्वना देते हुए प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है, आरोपी को ऐसी सजा दी जाएगी कि भविष्य में कोई भी अपराधी ऐसा अपराध करने की हिम्मत न कर सके। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव की ओर से मृतका के बच्चों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत करने की जानकारी भी दी।
बच्चों के लिए मिली 10 लाख की सहायता
पीड़िता की मां ने बताया कि मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक अर्चना चिटनिस ने आश्वासन दिया है कि मृतका शारदा के बच्चों के भविष्य के लिए 10 लाख रुपये उनके खाते में जमा किए जाएंगे, जिसे बच्चे 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद निकाल सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी बहू को घर में घुसकर छेनी-हथौड़ी से बेरहमी से मारा गया, इसलिए हमने बच्चों के भविष्य के लिए सहायता की मांग की थी।
फांसी की सजा दी जाए
मृतका शारदा की सास गुमथा बाई ने बताया कि हत्यारा शकील मिस्त्री का काम करता था। मेरा बेटा (शारदा का पति) उसके यहां एक दो बार काम कर चुका था, तब से शकील घर आने-जाने लगा था। इसके बाद उसने बहू को परेशान करना शुरू कर दिया और आखिरकार उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। उन्होंने मांग की है कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए, ताकि भविष्य में किसी और की बेटी या बहू के साथ ऐसा न हो।
पीड़ित परिवार के साथ सरकार
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि यह घटना निंदनीय है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पीड़ित परिवार के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। सरकार उनकी सुरक्षा और हर कठिनाई में साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी। आगे ऐसी घटनाएं नहीं होने दी जाएंगी, यह सरकार का वादा है।