मध्यप्रदेश में बढ़ने लगी ठिठुरन, अगले दो दिन में पढ़ेगी कड़ाके की सर्दी

मध्यप्रदेश में अब तेज ठिठुरन का दौर शुरू होने वाला है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी और उसके बाद बर्फ के पिघलने से उठने वाली ठंडी हवाएं प्रदेश की ओर बढ़ रही हैं। इससे आने वाले 48 घंटों में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित कई शहरों के न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के तुरंत बाद 5 दिसंबर से नया सिस्टम हिमालयी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा, जिसका प्रभाव दो दिन बाद MP में साफ दिखाई देगा। पहले से जमा बर्फ के पिघलने पर वहीं से उठने वाली बर्फीली हवा सीधे मध्यप्रदेश पहुंचेगी, जिससे इंदौर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग में सबसे ज्यादा सर्दी महसूस की जाएगी।

पचमढ़ी फिर सबसे ठंडा,पारा 6.7 डिग्री
मंगलवार-बुधवार की रात प्रदेश के कई हिस्सों में पारा 10 डिग्री से नीचे फिसल गया।भोपाल: 9.2°,इंदौर: 8.4°,जबलपुर: 10.6°,उज्जैन: 12°,ग्वालियर: 14.6°पचमढ़ी इस बार भी सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान 6.7 डिग्री दर्ज किया गया। कल्याणपुर (शहडोल) में 7.1°, उमरिया में 8.2°, अमरकंटक और शाजापुर में 8.7°, जबकि रीवा-नौगांव में 9° दर्ज हुआ। दिन में भी कई शहरों में अधिकतम तापमान 25 डिग्री से नीचे रहा।

नवंबर ने तोड़े रिकार्ड,भोपाल में 15 दिन चली शीतलहर
इस साल नवंबर में सांईठुरन ने पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। भोपाल में लगातार 15 दिन शीतलहर चली 1931 के बाद यह सबसे लंबा दौर रहा। 17 नवंबर की रात पारा 5.2 डिग्री तक गिर गया, जो अब तक का सर्वकालिक नवंबर रिकॉर्ड है। इंदौर में भी तापमान 6.4° तक फिसल गया 25 वर्षों में सबसे कम। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि उत्तर भारत में इस बार नवंबर की शुरुआत में ही बर्फबारी शुरू हो गई थी, जिससे ठंडी हवाएं जल्दी मध्यप्रदेश पहुंच गईं। हालांकि, नवंबर के अंतिम सप्ताह में हवा की दिशा बदलने से ठंड थोड़ी कम हुई।

दिसंबर-जनवरी ठंड के दो सबसे मुख्य महीने
जैसे मानसून में जुलाई-अगस्त सबसे ज्यादा बारिश वाले महीने होते हैं, उसी तरह दिसंबर और जनवरी सबसे प्रभावी शीतकालीन महीने माने जाते हैं। इन्हीं दो महीनों में उत्तर भारत की सर्द हवाएं प्रदेश में गहराई तक प्रवेश करती हैं, जिससे दिन और रात दोनों के तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज होती है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिसंबर में मावठा भी गिरता है, जो ठंड को और बढ़ा देता है। मौसम के ट्रेंड बताते हैं कि दिसंबर में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होते हैं। उत्तरी हवाओं के कारण तापमान में लगातार गिरावट की उम्मीद है। इस साल भी दिन और रात दोनों में ठंडक का असर तेज रहेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दिसंबर और जनवरी में कई शहरों में कोल्ड वेव की स्थिति बनेगी। जनवरी में यह अवधि 20 से 22 दिन तक जा सकती है, जिससे कड़ाके की ठंड लंबी चलेगी।

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