
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के सलाहकार रह चुके रॉबर्ट रोजन ने भेटौरा पंचायत में सामाजिक बदलाव का हाल जाना है। रॉबर्ट रोजन ने माना कि स्थानीय स्तर पर मुखिया के नेतृत्व में लोगों के सहभागिता से समस्याओं को बेहतर तरीके से समाधान किया जा रहा है। अमेरिका में भी इस तरह के सामाजिक भागीदारों वाले उदाहरण देखने के लिए नहीं मिलते हैं.
बीते दिन गयाजी जिले के टनकुप्पा प्रखंड के भेटौरा पंचायत में पिरामल फाउंडेशन के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतिनिधियों के साथ अमेरिका में कई महत्वपूर्ण पदों पर नेतृत्व कर चुके रॉबर्ट रोजन ने भेटौरा पंचायत का दौरा किया। मुखिया ने ढोल नगाड़ा बजाकर, अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। रॉबर्ट रोजन ने पंचायत में चल रहे स्वास्थ्य पोषण से जुड़ी विकास के बारे में जाना।
ग्रामीणों के साथ हुई बैठक
इस दौरान रॉबर्ट रोजेन ने पंचायत के मुखिया दिलीप प्रसाद यादव से पंचायत के कार्यक्षेत्र, पंचायत में सहयोग करने वाले कर्मियों की भूमिका, पंचायत के कार्यक्षेत्र एवं उनके भूमिका पर चर्चा की। बैठक के दौरान संस्थागत प्रसव को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए पंचायत कैसे अपने नेतृत्व में जन समस्याओं का निदान करे इस पर चर्चा की गई।
मुखिया ने बताया कि अभी तक लगभग 900 से ज्यादा संस्थागत प्रसव जनप्रतिनिधियों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता के साथ समन्वय बनाकर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है। रॉबर्ट रोजन ने अपने शब्दों में कहा कि यह बेशक एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें समाज के सभी वर्ग और स्वास्थ्य कार्यकर्ता मिलकर सैकड़ों मां और का जीवन बचा रहे हैं। इस दौरान प्रखंड प्रमुख, पूर्व जिला परिषद सदस्य उमेश दास, आशा, सेविका, जीविका दीदी, धर्मगुरु, मीडिया कर्मी, पिरामल फाउंडेशन के सीटीएम अक्षत शुक्ला, समेत अन्य उपस्थित रहे।