पंजाब में सांसों पर संकट: मंडी गोबिंदगढ़ की हवा सबसे खराब

पंजाब में पराली के लगातार जलने से प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है। शनिवार को मंडी गोबिंदगढ़ की हवा सबसे खराब रही जहां का एक्यूआई 238 दर्ज किया गया। चार अन्य शहरों का एक्यूआई यलो जोन में दर्ज किया गया। इनमें जालंधर का 151, खन्ना का 114, लुधियाना का भी 114 और पटियाला का 103 दर्ज किया गया।

डॉक्टरों के मुताबिक खराब श्रेणी के एक्यूआई में ज्यादा देर तक बाहर रहने पर अधिकतर लोगों को सांस लेने में समस्या होने का खतरा रहता है। पंजाब में 20 नए मामलों के साथ पराली जलाने के कुल मामले 208 हो गए हैं।

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पराली जलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी की जा रही है। 104 मामलों में 5 लाख 15 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। इसमें से 3.65 लाख रुपये की वसूली भी कर ली गई है जबकि 119 मामलों में बीएनएस की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। 81 रेड एंट्री की गई हैं।

अमृतसर में अब तक सबसे ज्यादा मामले
पंजाब में अमृतसर में अब तक सबसे ज्यादा पराली जलाने के 77 मामले सामने आए हैं। इसके बाद तरनतारन में 65 मामले, पटियाला में 11, बरनाला में पांच, बठिंडा में दो, फतेहगढ़ साहिब में एक, फरीदकोट व फाजिल्का में भी दो-दो मामले, जालंधर में तीन, फिरोजपुर में 13 मामले, गुरदासपुर में तीन, होशियारपुर में दो, कपूरथला में पांच, लुधियाना में दो, मानसा व एसबीएस नगर में भी एक-एक मामला, मालेरकोटला में चार और संगरूर में सात मामले हुए हैं।

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