दिल्ली: 15 साल बाद सबसे अधिक वर्षा वाला महीना बना अगस्त

दिल्ली में मानसून की सक्रियता के कारण अगस्त के महीने में अब तक 22 दिन बरसात हो चुकी है। 28 अगस्त तक बारिश का आंकड़ा 336.8 मिमी था, शुक्रवार को सफदरजंग मानक केंद्र पर शाम साढ़े पांच बजे तक 63.7 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस कारण बारिश का आंकड़ा 400.5 मिमी तक पहुंच गया था।

चूंकि अगस्त का महीना खत्म होने में दो दिन बाकी है और अभी बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। बारिश का ऑल टाइम रिकॉर्ड वर्ष 1961 का है जब अगस्त में 583.3 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। शुक्रवार को कई इलाकों में सुबह बारिश ने गुड मार्निग की। कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। थोड़ी देर बाद ऑफिस जाने का समय होने के कारण कई इलाकों में लोग जलभराव में फंस गए। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति रही।

शुक्रवार को सबसे अधिक 63.7 मिमी बारिश सफदरजंग मानक केंद्र पर रिकॉर्ड की गई। सुबह 11.30 बजे तक यहां 56.2 मिमी व दोपहर 2:30 बजे तक 007.2 मिमी व शाम साढ़े पांच बजे तक 000.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार अभी मानसून सक्रिय है इस कारण चार सितंबर तक बारिश का यह दौर जारी रहेगा।

अगस्त में किस साल कितनी बारिश

2024 390.3 मिमी
2023 91.8 मिमी
2022 41.6 मिमी
2021 214.5 मिमी
2020 237.0 मिमी
2019 119.6 मिमी
2018 206.5 मिमी
2017 152.2 मिमी
2016 122.1 मिमी
2015 195.4 मिमी
2014 139.1 मिमी
2013 321.4 मिमी
2012 378.8 मिमी
2011 190.3 मिमी
2010 455.1 मिमी

आप ने शुक्रवार को भाजपा सरकार को घेरा। प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कुछ देर की बारिश ने भाजपा सरकार की तैयारियों की पोल खोलकर रखकर दी। जगह-जगह जलभराव से दिल्लीवासी परेशान हैं और भाजपा की चार इंजन सरकार बेबस नजर आ रही है।

अगर दिल्ली का यही हाल रखना है तो भाजपा अपने चारों इंजन कबाड़ी को बेचकर चार नाव खरीद ले। कम से कम दिल्लीवाले तो बारिश में सफर कर पाएंगे। उन्होंने पटपड़गंज, संगम विहार, लक्ष्मी नगर, एम्स, गीता कॉलोनी, संजय झील, साउथ दिल्ली और एमबी रोड पर हुए जलभराव की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए कहा कि भाजपा अब झूठे दावे भी करना बंद कर चुकी है और सिर्फ मौसम के गुजरने का इंतजार कर रही है।

मनीष सिसोदिया पटपड़गंज में सिर्फ स्कूल और दो-तीन स्विमिंग पूल बनवा पाए लेकिन भाजपा ने तो पूरे हाईवे को ही स्विमिंग पूल बना दिया। जलभराव की वजह से पुराने मकानों और दीवारों की नींव कमजोर हो रही है। मानसून में दीवारें और मकान गिरने से कई मौतें हो चुकी हैं।

उन्होंने बसंत कुंज, निजामुद्दीन, मीठापुर और कालकाजी की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि सिर्फ इस बरसात में अब तक 35 से 40 लोगों की मौत हो चुकी है। आप सरकार के समय में जब राजेंद्र नगर में तीन छात्रों की मौत हुई थी तब भाजपा ने आसमान सिर पर उठा लिया था लेकिन अब इतने हादसों के बावजूद न भाजपा कुछ बोल रही है और न ही एलजी पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे हैं।

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