
दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों और कॉलेजों में पिछले तीन साल से सहायक प्रोफेसर के पदों पर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया से कॉलेजों में शिक्षकों के 85 फीसदी सीटों को भरा जा चुका है लेकिन कॉलेजों और विभागों को शिक्षकों के लिए इंडब्लयूएस सीटें आवंटित नहीं की गई है जबकि ईडब्लयूएस बड़ी सीटों के आंकड़े मंगवाए जा चुके हैं।
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस विवि शिक्षक संगठन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर डीयू के लिए जल्द इंडब्लयूएस सीटों को आवंटित करने की मांग की है। फोरम का कहना है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 शुरू होने के चाद से चार वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत शिक्षण कार्य शुरू हो गया है। स्नातक स्तर के चार वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता है। इसके लिए कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों को रखा जा रहा है।
चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू होने से कॉलेजों में शिक्षकों की मांग बढ़ी
फोरम के चेयरमैन प्रोफेसर हंसराज सुमन ने बताया है कि डीयू के सहायक कुलसचिव कॉलेजिज ने ढाई साल पहले विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के प्राचार्यों तथा संस्थान के निदेशकों से ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी अतिरिक्त पदों की आवश्यकता के विषय में जानकारी मांगी थी।
प्रो सुमन ने बताया है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्र चौथे वर्ष में प्रवेश कर अध्ययन कर रहे हैं जिससे हर कॉलेज के विभागों में शिक्षकों की अतिरिक्त मांग बढ़ गई है। कॉलेजों में अभी तक स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के आधार पर की गई है जबकि जुलाई से चार वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू हो चुका है।



