
बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने में प्रशासन और राजस्व विभाग को लगाया जाएगा। राजस्व विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में जाएंगी और इसकी रिपोर्ट संबंधित जिले के उपायुक्त को देंगी। जमीनी स्तर पर तैयार होने वाली इस सरकारी रिपोर्ट में नुकसान के जो आंकड़े मिलेंगे उन्हें दिल्ली से आने वाली केंद्रीय टीम के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
बता दें कि जिलों में आपदा विभाग के अधिकारी नहीं हैं। ऐसे में उपायुक्त ही मोर्चा संभाल रहे हैं।गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर केंद्रीय टीम के लिए धरातल बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग प्रदेश स्तर पर काम कर रहा है लेकिन जिलों में विभाग का कोई अधिकारी नहीं है। जिलों में आपदा राहत एवं पुनर्वास की जिम्मेदारी उपायुक्त निभा रहे हैं जबकि उपमंडल स्तर पर एसडीएम आपदा प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने और वहां एसडीआरएफ के तहत तय राशि का भुगतान करने के लिए जवाबदेह हैं।
आपदा में प्रदेश में अब तक पांच हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। इस अनुमान को हकीकत में आंकने का काम शुरू हो चुका है। इसे दो चरण में पूरा किया जाना है। अब तक एसडीआरएफ से 121 मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने की घोषणा की जा चुकी है।
वहीं भवन, जमीन, फसल, बिजली उपकरण, मवेशियों सहित अन्य कीमती सामान के नुकसान की रिपोर्ट राजस्व विभाग के पटवारी तैयार करेंगे। इस रिपोर्ट को प्रदेश भर में तहसील और उपमंडल स्तर पर जुटाने के बाद उपायुक्त को भेजा जाएगा।इस बार आपदा का सबसे ज्यादा असर जम्मू संभाग में हुआ है। इसमें जम्मू शहर, किश्तवाड़, उधमपुर, रियासी, कटड़ा, कठुआ, रामबन शामिल हैं। इन जिलों में बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से जानमाल का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने निर्देश दिए हैं।
आ सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी
आपदा के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके बाद गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। अब नुकसान का आकलन होने और रिपोर्ट तैयार होने के बाद राहत पैकेज देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आ सकते हैं। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है। इससे पहले 2014 में आई बाढ़ के दौरान भी प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे।
चिशोती में थमा तलाशी अभियान
किश्तवाड़ के चिशोती में लापता लोगों को मलबे में तलाशने का अभियान फिलहाल रोक दिया गया है। सेना, एनडीआरएफ और सीआईएसएफ समेत एसडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस साझा तलाशी अभियान चला रही थी। मलबे से 65 शव बरामद किए गए थे जबकि तीन की बाद में मौत हो गई थी।