
शेयर बाजार में निफ्टी की वीकली एक्सपायरी के दिन दबाव के साथ कारोबार हो रहा है, और गिरावट में मेटल शेयर (Metal Share Down) ज्यादा योगदान दे रहे हैं। दरअसल, मेटल स्टॉक्स में यह गिरावट डॉलर के मजबूत होने के कारण हावी हुई है। 18 नवंबर को निफ्टी मेटल इंडेक्स 16 प्रमुख सेक्टरों में सबसे ज्यादा लुढ़ककर 1.5% की गिरावट के साथ 10,325 पर आ गया।
मज़बूत डॉलर के दबाव के चलते तांबा और एल्युमीनियम जैसी मूल धातुओं की कीमतों में गिरावट जारी रही। दरअसल, डॉलर के मजबूत होने के कारण, डॉलर में लेन-देन वाली वस्तुएं अन्य मुद्राओं का उपयोग करने वाले निवेशकों के लिए महंगी हो जाती हैं।
इन मेटल शेयरों में बड़ी गिरावट
मेटल सेक्टर में हिंदुस्तान ज़िंक और हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों में सबसे ज़्यादा 3% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (SAIL) के शेयरों में 2% से ज़्यादा की गिरावट आई है। इसके अलावा, हिंडाल्को 1.56%, एनएमडीसी 1.47%, टाटा स्टील 0.53% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।
वहीं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम होने से भी मेटल शेयरों को लेकर नेगेटिव सेंटिमेंट हावी हुए हैं। क्योंकि, जब भी फेड ब्याज दरें ऊंची रखता है, तो आमतौर पर अमेरिकी डॉलर मज़बूत होता है, इसलिए अमेरिकी डॉलर में मूल्यांकित धातुएँ (तांबा, एल्युमीनियम, जस्ता, सोना) वैश्विक खरीदारों के लिए ज़्यादा महंगी हो जाती हैं।
क्या और आएगी गिरावट?
इसेक अलावा, ट्रेडर्स चीन और जापान के बीच बढ़ते कूटनीतिक विवाद पर भी नज़र रख रहे हैं। अगर तनाव और बढ़ता है तो दोनों प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच कमोडिटी व्यापार प्रभावित हो सकता है। इस सप्ताह होने वाली प्रमुख घटनाओं से पहले औद्योगिक धातुओं में जोखिम भरी संपत्तियों से निवेशकों ने इन्वेस्टमेंट से परहेज़ किया है। इसमें गुरुवार को आने वाली अमेरिकी रोज़गार रिपोर्ट भी शामिल है, जिसका फेड के अगले कदम पर असर पड़ना चाहिए। बैंक के कई अधिकारियों ने फिलहाल दरों में और कटौती न करने की चेतावनी दी है, जिससे कमोडिटीज़ की मांग पर असर पड़ सकता है।



