कहीं आपके पसंदीदा जूते ही तो नहीं कमर दर्द की असली वजह

घर के बाहर ना जाने दिनभर में आप कितने काम करते हैं और इसमें आपका साथ देते हैं एक अच्छी क्वालिटी के, सपोर्ट देने वाले जूते। अगर आपके जूते पैरों को सपोर्ट, कुशनिंग देने का काम करना बंद कर दें तो इससे पैरों में सूजन, दर्द, पोश्चर का बिगड़ना और इंजुरी का खतरा बढ़ सकता है।

अब सवाल उठता है कि कैसे समझें कि जूतों को रिप्लेस करने का समय गया है? आइए, आपको ऐसे ही कुछ संकेतों के बारे में बताते हैं, जिससे आप सही समय पर अपने जूतों को रिप्लेस कर पाएंगे।

ये संकेत बताते हैं जूते नहीं रह गए हैं पहनने लायक
सोल घिस गए हों:
अगर आपके जूतों के सोल या तले स्मूद या आड़े-तेढ़े हो गए हैं, उनमें छेद हो गया है तो अब ये आपके पैरों को सपोर्ट देने लायक नहीं रह गए हैं।

कुशनिंग लगे फ्लैट: नए जूतों में बाउंस और सपोर्ट होता है। समय के साथ जूतों के अंदर पड़ने वाले दबाव या शॉक से वे दब जाते हैं। अगर आपको जूते पहनने के बाद पैरों में सूजन हो जाती हो इसका मतबल है कि उसकी कुशनिंग घिस गई है।

दर्द या खिंचाव महसूस हो: पुराने या खराब हो गए जूतों को पहनने से पैरों, कमर में दर्द और सूजन हो सकती है। ऐसा बार-बार होने का मतलब है कि अब उन्हें बदलने की बारी है।

ऐसे में जल्दी खराब होते हैं जूते: अगर आप ज्यादा वॉक करते हैं या पैरों की एक्सरसाइज करते हैं तो आपके जूते जल्दी खराब होंगे। ऐसे में जूतों को छह से आठ महीने में बदल देना चाहिए।

लुक में हों बेहतर फिर भी: जूतों का लुक कई बार धोखा दे सकता है, लेकिन ऊपर से अच्छे दिखने वाले जूते भी खराब हो सकते हैं। इसका सबसे अहम हिस्सा होता है, मिडसोल, हील वाला हिस्सा या बाहर की सोल, जोकि सबसे पहले खराब होती है। इसलिए आप जूतों को पहनकर कैसा महसूस कर रहे हैं वो समझना जरूरी है।

शेप बिगड़ जाए: अगर आपके जूते एक तरफ से घिस गए हैं या झुक गए हैं तो उससे लंबे समय तक आपके पैरों को सपोर्ट नहीं मिल सकता। ऐसे में उन्हें बदल देने में ही समझदारी है।

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