कभी कभी गलत बना घर भी क्यों नहीं करता नुकसान

 घर में सुख शांति और बरकत के लिए वास्तु अनुरूप निर्माण जरूरी होता है। कई बार कई लोगों के घर का निर्माण वास्तु अनुरूप न होने पर भी उनको दिक्कत नहीं आती और वो फिर वास्तु को बेकार का मिथक बताने लगते है। दरअसल, आपके घर और आपकी कुंडली का भी संबंध होता है। जो ग्रह हमारी कुंडली में प्रभावित करते हैं, उनका आपके घर में भी एक निर्धारित स्थान होता है जिसे पद कहते है।
अब होता क्या है कि जैसे आपके घर में चंद्रमा का स्थान दूषित है। लेकिन, फिर भी गृह स्वामी को कोई परेशानी नहीं आ रही। इसका सीधा मतलब ये है कि कुंडली में चंद्रमा बहुत मजबूत है। चूंकि कुंडली के ग्रह चलायमान होते हैं और घर अडिग है। ऐसे में जब चंद्रमा कुंडली में कमजोर होगा तब घर का चंद्रमा का दूषित स्थान हावी हो जाएगा और दिक्कत शुरू हो जाएगी।

दरअसल, घर का निर्माण हमारे शास्त्रों में उल्लेख है। जो पुराने भवन निर्माण मिस्त्री होते थे उन्हें इन सबका पूरा ज्ञान था। आज के इंजीनियर से कई गुना अधिक वे जानकार थे। यही कारण था कि पुराने महलों, किलों और पुरानी हवेलियों में सब कुछ वास्तु सम्मत होता था। जो अब देखने को नहीं मिलता।

आज भी कई जगह पुरानी ज्ञान शक्ति को संजोए रखने वाले कारीगर है जो ये बता देते हैं कि घर में कहां रसोई होगी, कहां टॉयलेट होगा, कहां पानी का टैंक बनेगा और कहां पूजा घर होगा। हमारी तो आपको यही सलाह है कि आप अपने घर के निर्माण में लाखों रुपए खर्च करते हैं तो कम से कम वास्तुशास्त्री के निर्देशन में नक्शा और निर्माण कराएं। इस पर कुछ हजार का खर्च तो होगा लेकिन मान कर चलिए की आपका जीवन बहुत आनंदमय रहेगा।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube