चीन ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की भागीदारी को लेकर कहा कि भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता ओबामा का फेयरवेल गिफ्ट नहीं है जो उसे दे दिया जाए। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का कार्यकाल कुछ समय में पूर्ण होने वाला है। ऐसे में उन्होंने अपने एक संदेश में कहा था कि यदि उनके रहते भारत एनएसजी में सदस्यता प्राप्त कर पाता तो यह और सुखद होता।
मगर इस मामले में चीन ने ओबामा को जवाब दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग द्वारा कहा गया कि एनएसजी की सदस्यता दो देशों के लिए किसी विदाई उपहार की तरह नहीं है। इतना ही नहीं नाॅन एनपीटी देश के समूह में एंट्री से चीन पीछे नहीं हटा। चीन द्वारा कहा गया कि नाॅन एनपीटी देशों को लेकर सामान्य रवैया भी अपनाना होगा।
गौरतलब है कि भारत की एनएसजी में भागीदारी को अहम माना जा रहा है लेकिन चीन उसकी राह में रोड़ा अटका रहा है। चीन का कहना है कि भारत बिना परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए इस समूह में शामिल नहीं हो सकता है जबकि भारत इस समूह में भागीदार बनना चाहता है और उसे कई देशों का समर्थन हासिल है। अमेरिका भारत को इस समूह में भागीदार बनाने के लिए पूरी तरह से प्रयास कर रहा है।