एमपी में बर्फीली हवाओं के बीच कड़ाके की ठंड ,शीतलहर का अलर्ट

प्रदेश में उत्तर से आती ठंडी हवाओं ने सर्दी का असर तेज कर दिया है। भोपाल और इंदौर समेत कई शहरों में तापमान सीजन के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। भोपाल में नवंबर की अब तक की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए प्रदेश के बड़े हिस्से में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल, इंदौर और राजगढ़ में मंगलवार को तीव्र शीतलहर की स्थिति रहेगी। इसके अलावा धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, हरदा, बैतूल, देवास, सीहोर, शाजापुर, विदिशा, रायसेन, सागर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, पन्ना, दमोह, जबलपुर, कटनी, मैहर और शहडोल में शीतलहर की चेतावनी प्रभावी है।

बदला स्कूलों का समय
इंदौर में ठंड को देखते हुए से स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से लागू करने का आदेश दिया है। भोपाल में भी नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाएं सुबह 8:30 बजे से पहले नहीं लगेंगी। ग्वालियर, देवास, झाबुआ, छिंदवाड़ा, सागर, शहडोल और खंडवा में भी स्कूल टाइमिंग बढ़ाई गई है।

भोपाल में टूटा 84 साल का रिकॉर्ड
मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि रविवार-सोमवार की रात भोपाल में तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1941 में रिकॉर्ड 6.1 डिग्री से भी नीचे है। साफ मौसम के कारण उत्तरी हवाओं का प्रभाव बढ़ने की संभावना है। 22 नवंबर से दक्षिण-पूर्वी खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया सक्रिय होने के पहले प्रदेश में दो दिन तक शीतलहर बनी रह सकती है। इंदौर में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 25 साल में सबसे ठंडा है। राजगढ़ में पारा 5 डिग्री तक पहुंच गया। ग्वालियर में 9.8 डिग्री, उज्जैन में 9.6 डिग्री और जबलपुर में 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

अधिकांश शहरों में रात का तापमान 12 डिग्री से नीचे
राजगढ़ में 5 डिग्री, उमरिया में 7 डिग्री, नौगांव में 7.3 डिग्री, बैतूल में 8.2 डिग्री, रीवा में 8.3 डिग्री, मलाजखंड में 8.4 डिग्री, शिवपुरी-धार में 9 डिग्री और खजुराहो-मंडला में 9.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। कई जिलों में पारा 10 से 11 डिग्री के बीच रहा। मलाजखंड, सिवनी, सीधी और पचमढ़ी दिन में भी सबसे ठंडे रहे। मलाजखंड में अधिकतम तापमान 22.8 डिग्री, सिवनी में 24.4 डिग्री और पचमढ़ी में 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भोपाल में 25.4 और इंदौर में 26.1 डिग्री तापमान रहा। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से नवंबर में ठंड के साथ बारिश का रुझान रहा है। इस साल भी तापमान सामान्य से जल्दी गिरा है। अक्टूबर में औसत से 121% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

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