उत्तर प्रदेश पिता है ई-रिक्शा चालक, बेटी हुई ओलंपिक बॉक्सिंग मे शामिल

उम्र मजह 16 साल और पंच इतने तगड़े की प्रतिद्वंद्वी ज्यादा समय तक सामने टिक न सके। जब वह बॉक्सिंग रिंग में होती है तो मैरी कॉम जैसा जुनून दिखता है। हम बात कर रहे हैं बेकनगंज निवासी नबा नईम की। वह 60 से 65 भार वर्ग में प्रदेश की मुख्य महिला बॉक्सर में शुमार हैं।

ई रिक्शा चालक नईम आलम और बेबी हुस्ना की बेटी नबा ने मैरी कॉम के जीवन पर आधारित फिल्म देख डेढ़ साल पहले बॉक्सर बनने की ठानी थी। वह हलीम मुस्लिम काॅलेज से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी हैं। नबा बताती हैं कि परिवार की स्थिति को देखते हुए कुछ करने की ठानी। कम संसाधन में बड़ा मंच मिलने के कारण इस खेल में रुचि बढ़ी तो फैसले में माता-पिता का साथ मिला। उसका सपना ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है।

पिता नईम आलम ने बताया कि नबा को पहले प्रारंभिक ट्रेनिंग के लिए ग्रीनपार्क बाक्सिंग एकेडमी में भेजा। वहां प्रशिक्षण लेने के बाद वर्तमान में बेटी आर्यनगर स्थित परशुराम वाटिका में न्यू एकलव्य स्पोर्ट्स एकेडमी में कोच भगवान दीन की देखरेख में बॉक्सिंग के गुर सीख रही है। उन्होंने बताया कि नबा जब रिंग में उतरती है तो उसके अंदर मैरीकॉम जैसा जूनुन दिखता है। रिंग में वह कई घंटे तक कड़ा अभ्यास करती है। जल्द ही वह बड़ी प्रतियोगिता में जीतकर शहर का नाम रोशन करेगी।

अभी तक किया प्रदर्शन
2024 में प्रयागराज में हुई बॉक्सिंग की जूनियर स्टेट प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।
2024 में गोरखपुर में हुई स्टेट जूनियर बॉक्सिंग प्रतियोगिता में रजत पदक झटका।
2025 में मेरठ में हुई यूथ स्टेट बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 2025 में हुई नेशनल यूथ बॉक्सिंग प्रतियोगिता में दमदार पंच लगाकर चौथा स्थान हासिल किया।

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