
हिमाचल प्रदेश में अब पर्यटन को केवल गर्मी और सर्दी तक सीमित रखने के बजाय पूरे साल सक्रिय रखने की दिशा में सरकार नीति बनाने जा रही है। मानसून पर्यटन नीति तैयार करने की कवायद शुरू की जा रही है। इस नीति का उद्देश्य बरसात के महीनों को भी पर्यटन के लिहाज से आकर्षक बनाना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को निरंतर गतिशील रखना है। गोबिंद सागर झील, कोल डैम, कांगड़ा, सुंदरनगर झील को टूरिज्म सर्किट से जोड़ा जाएगा। अक्सर जून से सितंबर तक के महीनों में राज्य का पर्यटन कारोबार धीमा पड़ जाता है। इस दौरान होटल, टैक्सी, होमस्टे और हस्तशिल्प कारोबार पर असर पड़ता है। अब सरकार इस ठहराव को अवसर में बदलने के लिए नीति स्तर पर काम कर रही है।
हिमाचल का हर मौसम पर्यटन का मौसम बन सकता है। सरकार का प्रयास है कि बरसात के दिनों को भी राज्य के पर्यटन के लिए मजबूत बनाया जाए। मानसून के दौरान जब पहाड़ों पर हरियाली अपनी चरम पर होती है, तब यह समय प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच के लिहाज से बेहद उपयुक्त होता है। सरकार इस मौसम में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए सर्किट और गतिविधियों पर काम कर रही है। योजना है कि मानसून के महीनों में राज्य के जलाशयों और झीलों को विशेष आकर्षण का केंद्र बनाया जाए। बिलासपुर, कोल डैम, सुंदरनगर और कांगड़ा जैसी झीलों में पूरे साल जलस्तर बना रहता है। इन स्थलों को वाटर स्पोर्ट्स, कयाकिंग, नौका विहार और एडवेंचर गतिविधियों से जोड़ा जा सकता है। इससे न केवल पर्यटक आकर्षित होंगे बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग, जल विद्युत निगम और स्थानीय निकायों के साथ संयुक्त रूप से योजना तैयार की जा रही है।
एडवेंचर और नेचर-आधारित टूरिज्म पर सरकार का फोकस
राज्य सरकार मानसून सीजन में भी पर्यटन गतिविधियों को आकर्षक बनाने के लिए एडवेंचर और नेचर-बेस्ड टूरिज्म को बढ़ावा देगी। इसके तहत ट्रेकिंग ट्रेल्स, नेचर ट्रिप्स, वॉटर एडवेंचर और पारंपरिक गांव पर्यटन को जोड़ा जाएगा। पर्यटन विभाग मानसून में सुरक्षित स्थलों की पहचान कर उनके इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा। इस दिशा में जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है ताकि नीति का मसौदा व्यावहारिक बनाया जा सके।
मानसून टूरिज्म सर्किट की होगी परिकल्पना
मानसून टूरिज्म सर्किट के रूप में कोल डैम, गोबिंद सागर झील, पोंग डैम, रिवालसर, सुंदरनगर, और कांगड़ा झील क्षेत्र शामिल किए जा सकते हैं। मानसून के समय इन इलाकों का तापमान सुखद रहता है और प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है, जिससे इन स्थलों को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
मानसून पर्यटन से ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में नई आर्थिकी पैदा होगी। जब पर्यटक मानसून में भी प्रदेश के इन स्थानों पर आएंगे, तो होमस्टे, टैक्सी सेवा, लोक हस्तशिल्प और खाद्य उत्पादों की मांग बढ़ेगी। यह नीति स्थानीय युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का माध्यम बनेगी। मानसून टूरिज्म को बढ़ावा देने से वर्षभर रोजगार के अवसर बने रहेंगे और पर्यटन पर आधारित अर्थव्यवस्था अधिक स्थायी होगी। सीएम खुद इस परियोजना की अगुवाई कर रहे हैं। इसे जल्द धरातल पर उतारा जाएगा। – राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा मंत्री



