सुप्रीम निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने बिहार के वोटरों को ‘आधार’ का मौका दिया

चुनाव आयोग ने कहा है कि वैसे निर्वाचकों की सूची, जिनके नाम 24.06.2025 तक निर्वाचक नामावली में सम्मिलित थे, परन्तु 01.08.2025 को प्रकाशित प्रारूप निर्वाचक नामावली में शामिल नहीं हैं। बी.एल.ओ ने राजनैतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय एजेन्टों, अन्य ग्राम स्तरीय जनप्रतिनिधियों और अन्य अधिकारियों की सहायता से उन मतदाताओं की निम्नलिखित सूची तैयार की है जिनके गणना प्रपत्र प्राप्त नहीं हुये है। असंतुष्ट व्यक्ति अपने आधार कार्ड की एक प्रति के साथ अपना दावा प्रस्तुत कर सकते है।

दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा में अब बहुत ही कम समय बच गया हैं। 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होनी है, जिसके बाद ऑनलाइन आने वाले आवेदनों का निष्पादन 1 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा। निर्वाचन विभाग का कहना है कि तीन लाख से अधिक मतदाताओं ने दस्तावेज जमा नहीं किए थे। इसलिए अब उन्हें नोटिस भेजा गया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को मंगलवार को पत्र लिखा। पत्र में लिखा है कि आधार को एसआईआर में शामिल करें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में मान्यता मिल गई है। ऐसे में लोगों की सहूलियत बढ़ गई है। से 1 सितंबर तक नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन लिए गए। इस अवधि में 16.57 लाख लोगों ने नया नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया।

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