सब पड़ें हैं सोना-चांदी के पीछे, उधर तांबे ने चुपके से मार ली बाजी

सोना और चांदी की कीमतों की तेजी के आगे बहुत से लोग ये भूल गए थे कि मार्केट में और भी धातुएं है जिनकी कीमत दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। लेकिन पिछले कुछ समय से गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में आई आंधी की वजह से इन धातुओं की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया। इन्हीं में से एक मेटल है तांबा। तांबा ने शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड से कई गुना ज्यादा रिटर्न (Copper Return) दिया है। सोना-चांदी की बढ़ती की ऊंची कीमतों के चलते आप उन्हें खरीद नहीं सकते लेकिन कॉपर की कीमत इतनी है कि आप आसानी से निवेश कर सकते हैं।

साल 2025 में कॉपर ने घरेलू बाजार मेंं 50 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं, इंटरनेशनल मार्केट में इसने 40 फीसदी का रिटर्न दिया है। यानी अगर आपने एक साल पहले तांबे में 1 लाख का निवेश किया होता तो आज वह निवेश 1.5 लाख रुपये हो गया होता।

रिकॉर्ड हाई पर पहुंची तांबे की कीमत
2025 में तांबे की कीमतें 50% बढ़ गई हैं, और $12,000 प्रति टन से ऊपर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच (copper price all time high) गई हैं, क्योंकि सप्लाई में रुकावट और मजबूत डिमांड के अनुमानों से बाजार में तेजी आई है।

इस साल तांबे में आई जबरदस्त तेजी ने इसे 2009 के बाद से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कमोडिटी में से एक बना दिया है। लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर की कीमतें बढ़कर ऐतिहासिक $12,282 प्रति टन और MCX पर लगभग ₹1,200 प्रति किलोग्राम हो गईं।

क्यों आई तांबे में तेजी
यह तेजी कई कारखानों के बंद होने, टैरिफ से संबंधित स्टॉक जमा करने और बेहतर ग्लोबल लिक्विडिटी की उम्मीदों के कारण आई। क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक वाहनों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेटा सेंटर्स से बढ़ती एनर्जी डिमांड में तांबे की अहम भूमिका से मार्केट का भरोसा और बढ़ा।

गोल्डमैन सैक्स रिसर्च के अनुसार, तांबे की बढ़ती कीमतें अक्सर मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड और तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का संकेत देती हैं, जबकि गिरती कीमतें आर्थिक मंदी का संकेत दे सकती हैं।

गोल्डमैन सैक्स रिसर्च के एनालिस्ट इओइन डिंसमोर ने एक नोट में लिखा, “तांबा दुनिया भर में ग्रिड और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश का एक बड़ा लाभार्थी है, क्योंकि AI और डिफेंस मजबूत और सुरक्षित एनर्जी नेटवर्क की जरूरत को बढ़ाते हैं।”

आगे भी आएगी कॉपर में तेजी?
जहां तक कीमतों की बात है, जेपी मॉर्गन ग्लोबल रिसर्च को उम्मीद है कि 2026 की दूसरी तिमाही में तांबे की कीमतें $12,500 प्रति टन तक पहुंच जाएंगी, और पूरे साल का औसत लगभग $12,075 प्रति टन रहेगा।

हालांकि रिसर्च करने वाले इस बात को लेकर आशावादी हैं कि तांबे की कीमतें ऊपर की ओर बढ़ती रहेंगी, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाल ही में कीमतों में हुई बढ़ोतरी के लंबे समय के नतीजों के बारे में अभी कुछ भी पक्का नहीं कहा जा सकता।

एलुमिनियम और जिंक में भी दिखी तेजी
बड़े मेटल मार्केट में भी तेजी का माहौल दिखा – एल्युमिनियम 16%, टिन 47% और जिंक 4% बढ़ा, जिसे प्रोडक्शन में रुकावटों से सपोर्ट मिला। हालांकि, एनालिस्ट्स चेतावनी देते हैं कि कीमतों का यह स्तर 2026 में आर्थिक ग्रोथ और इंडस्ट्रियल खपत में रिकवरी पर निर्भर कर सकता है।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube