राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आगामी लोकसभा चुनाव के अपने प्रत्‍याशियों को जेल से ही सिंबल देंगे

 राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जमानत (बेल) नहीं मिलने के बाद लगभग तय हो गया है कि लोकसभा चुनाव के लिए अपने दल के प्रत्याशियों को उन्हें जेल से ही सिंबल देना पड़ेगा। अन्य विकल्पों के लिए उनके पास अब समय नहीं बचा है। हालांकि, बाहर आने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रखी है।

सिंबल देने का आधिकार केवल लालू को

राजद विपक्षी दलों का महागठबंधन बना श्राारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू) व लोक जनशक्ति पार्टी (लाेजपा) के खिलाफ बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है। लालू यादव की अनुपस्थिति में पार्टी की सारी रणनीति नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बना रहे हैं। लेकिन निर्वाचन आयोग के नियमों और राजद के संविधान के हिसाब से अपने दल के प्रत्याशियों को सिंबल देने का अधिकार केवल लालू यादव के पास है। राजद के रणनीतिकारों को रांची हाईकोर्ट से जमानत के जरिए लालू के बाहर निकलने की उम्मीद थी, किंतु निराशा हाथ लगी है। ऐेसे में अब सारी प्रक्रियाएं जेल से ही पूरी करनी होंगी।

राजद ने नहीं दिया अन्‍य विकल्‍पों पर ध्‍यान

दरअसल, लालू को जमानत मिलने की उम्मीद में राजद ने अन्य विकल्पों की ओर ध्यान ही नहीं दिया। राजद के संविधान के मुताबिक उसके पास अन्य विकल्प भी मौजूद थे। लालू के अंदर रहने की स्थिति में पार्टी के किसी नेता को इसके लिए अधिकृत किया जा सकता था या किसी को राजद का कार्यकारी अध्यक्ष भी मनोनीत किया जा सकता था। किंतु इसके लिए कम से कम छह महीने पहले प्रक्रिया शुरू कर देनी होती।

जाहिर है, प्रत्याशियों को सिंबल देने के लिहाज से दोनों विकल्पों के लिए अब समय बीत गया है। अब अगर किसी को कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किया जाएगा तो वह पार्टी का अन्य काम तो देख सकता है, लेकिन चुनाव की प्रक्रिया से उसे दूर रहना होगा। अगर समय रहते सावधानी बरती जाती तो सिंबल देने का अधिकार देने के लिए लालू राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक बुलाकर किसी उपाध्यक्ष को अधिकृत कर सकते थे। ऐसा करके चुनाव आयोग को सूचना देना जरूरी होता और पूरी प्रक्रिया में कम से कम चार से छह महीने का समय लगता।

जेल अधीक्षक करेंगे अभिप्रमाणित

किसी दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर जेल में है तो उसके सिंबल बांटने की प्रक्रिया अलग होती है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए ए और बी दो सेटों में पार्टी का सिंबल होता है। सभी प्रत्याशियों से अलग-अलग फॉर्मेट भरवाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से लालू प्रसाद हस्ताक्षर करेंगे। उसके बाद जेल अधीक्षक उसे अभिप्रमाणित करेंगे। इसी कॉपी का एक सेट प्रत्याशी को दिया जाएगा और दूसरा निर्वाचन आयोग को।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube