ब्रेन ईटिंग अमीबा का नया मामला आया सामने, जानें कैसे होते हैं इसके लक्षण

हाल ही में ब्रेन ईटिंग अमीबा के इन्फेक्शन एक नया मामला अमेरिका में सामने आया है। एक लेक में स्कींग करते वक्त व्यक्ति इस इन्फेक्शन का शिकार हुआ। भारत के केरल राज्य में भी कुछ दिन पहले ब्रेन ईटिंग अमीबा के तीन मामले सामने आए थे। यह एक बेहद गंभीर इन्फेक्शन है, जिससे बचाव करना बेहद जरूरी है।आइए जानें ब्रेन ईटिंग अमीबा के इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

क्या है ब्रेन ईटिंग अमीबा?
‘ब्रेन ईटिंग अमीबा’, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Naegleria fowleri कहा जाता है। यह एक दुर्लभ लेकिन बेहद घातक इन्फेक्शन है, जो दिमाग को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। यह आमतौर पर गर्म, मीठे पानी और मिट्टी में पाया जाता है। यह इन्फेक्शन किसी व्यक्ति को तब होता है जब अमीबा से दूषित पानी नाक के जरिए से शरीर में प्रवेश करता है।यह नाक के म्यूकोसल मेम्ब्रेन को पार कर नसों के रास्ते दिमाग तक पहुंच जाता है और ब्रेन टिश्यूज को डैमेज करना शुरू कर देता है।

ब्रेन ईटिंग अमीबा के इन्फेक्शन के लक्षण
इन्फेक्शन के लक्षण आमतौर पर एक्सपोजर के 2 से 15 दिनों बाद दिखाई देने लगते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू या अन्य सामान्य बीमारियों जैसे हो सकते हैं, लेकिन बहुत तेजी से बढ़ते हैं। इसके लक्षण इस तरह होते हैं-

बुखार
मतली और उल्टी
गर्दन में अकड़न
भ्रम की स्थिति, फोकस न कर पाना
दौरे पड़ना
हैल्यूसिनेशन
कंपकंपी
लाइट सेंसिटिविटी
कोमा में चले जाना
यह बीमारी बहुत तेजी से बढ़ती है और आमतौर पर लक्षण शुरू होने के 3 से 7 दिनों के भीतर मृत्यु दर लगभग 97% होती है। इसलिए, यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण दिखाई दें और उसका ताजे पानी में स्विमिंग या अन्य एक्टिविटीज की हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

ब्रेन ईटिंग अमीबा से बचाव के उपाय
गर्म, मीठे पानी वाले तालाब, झील, नदी में तैरते या डुबकी लगाते समय नोज क्लिप का इस्तेमाल करें, ताकि पानी नाक में न जा सके। अगर उस इलाके में ब्रेन ईटिंग अमीबा के इन्फेक्शन के मामले सामने आ चुके हैं, तो पानी में जाने से बचें।
स्विमिंग करते समय सिर को पानी के ऊपर रखने की कोशिश करें। पानी के अंदर मुंह ले जाने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
गर्म मौसम में, जब पानी का स्तर कम और तापमान ज्यादा हो, तो तलाबों और झीलों में जाने से बचें।
बिना क्लोरीन मिले पानी वाले स्प्रिंकलर या वाटर स्लाइड के इस्तेमाल के दौरान भी सावधानी बरतें।
साइनस की समस्या में नेति पॉट का इस्तेमाल करते समय हमेशा स्टेरलाइज्ड, डिस्टिल्ड या उबले हुए पानी का ही इस्तेमाल करें। नल के सीधे पानी का इस्तेमाल न करें।

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