पंजाब में बाढ़ जैसे हालात: उफान पर सतलुज दरिया

पहाड़ी राज्य हिमाचल में लगातार हो रही बारिश की वजह से पंजाब के बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं पंजाब में बुधवार को कई जिलों में बारिश हो रही है। मोगा, कपूरथला, जालंधर और फिरोजपुर में बारिश के चलते जगह-जगह पानी भर गया है। ऐसे में पंजाब में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। फिरोजपुर के हुसैनीवाला बॉर्डर पर बनी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की निगरानी चौकी में सतलुज दरिया और पाकिस्तान की तरफ से आ रहा पानी घुसने लगा है। पानी ने बीएसएफ की चौकी को चारों तरफ घेर लिया है। धीरे-धीरे पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है। इसे देख गांव के लोग भी भयभीत हैं। बीएसएफ भी अपनी चौकी को बचाने में जुटी है।

फिरोजपुर में सतलुज दरिया का जलस्तर बढ़ने के कारण सीमावर्ती गांव पानी की चपेट में आने लगे हैं। जलस्तर काफी बढ़ गया है। इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर दीपशिखा शर्मा ने कहा कि उन्हें पानी के बढ़ने की सूचना मिलने पर उन्होंने सीमावर्ती गांव का दौरा किया है। उन्होंने मनरेगा की लेबर लगाकर मिट्टी के बैग भी बांध के किनारे किनारे लगाए जा रहे हैं ताकि पानी गांव के अंदर ना घुस सके। ग्रामीणों की मांग है कि दरिया के बीच बांध के साथ-साथ नोचें बनाई जाए। इसे बनाने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के साथ खड़ा है। प्रत्येक प्रबंध किए हुए हैं । हर सुविधा का ख्याल रखा है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वह हौंसला बनाए रखें जिला प्रशासन और लोग मिलकर इस प्रकार की स्थिति का सामना करेंगे।

हिमाचल में लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से भाखड़ा डैम के पीछे बनी गोबिंद सागर झील के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मंगलवार को 65617 क्यूसेक पानी की आमद के साथ ही भाखड़ा डैम का जलस्तर 1665.06 फीट तक पहुंच गया। इसके बाद बीबीएमबी मैनेजमेंट ने दोपहर करीब तीन बजे सीजन में पहली बार बांध के चारों फ्लड गेट खोल दिए। तीन घंटे तक करीब इन गेटों को तीन फीट तक खोलकर रखा गया। इस दौरान करीब 11130 हजार क्यूसेक पानी फ्लड गेटों से निकाला गया और टर्बाइनों के माध्यम से 32171 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

एसडीएम नंगल सचिन पाठक ने कहा कि भाखड़ा डैम के चारों फ्लड गेट मात्र जांच के लिए खोले गए थे। इस दौरान नंगल डैम से नंगल हाईडल नहर में 12500, श्री आंनदपुर साहिब हाईडल नहर में 10150 क्यूसेक और सतलुज दरिया में 20650 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। एसडीएम ने कहा कि सतलुज दरिया किनारे पर बसे ग्रामीण क्षेत्रों के खेत पानी से काफी दूर हैं। लोगों को दहशत में आने की जरूरत नहीं है। किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने इंतजाम किए हुए हैं।

राहत शिविरों की व्यवस्था करने के निर्देश

बाढ़ प्रभावित आबादी के लिए राहत शिविर, भोजन और चिकित्सीय सहायता जैसी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बाढ़ के चलते उत्पन्न हो रही स्थिति का लगातार आकलन करने और रोकथाम उपायों को तेज करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में तालमेल बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के बीच निरंतर संचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube