
2017 में बठिंडा के मौड़ मंडी में हुए बम बलास्ट में शामिल काला नामक आरोपी को पकड़ने के लिए डबवाली के गांव अलीका में पहुंची सीआईए पुलिस का लोगों ने विरोध किया। लोगों के विरोध पर पुलिस वापस लाैट गई। पुलिस टीम सिविल वर्दी में रेड करने गई थी जिस कारण लोगों का गुस्सा फूट गया और उन्होंने गांव में शोर मचा दिया कि बाहरी व्यक्ति घुस आए है।
बम बलास्ट के आरोपी काला समेत अन्य आरोपियों को पुलिस ने पीओ करार दे रखा है। सीआईए प्रभारी कुलदीप सिंह के अनुसार उनको आरोपी काला की लोकेशन प्राप्त हुई थी, जिस कारण वो उसे पकड़ने गए थे। दूसरी तरफ काला के भाई अंग्रेज सिंह का कहना था कि पीओ आरोपी काला के साथ उनका कोई नाता नहीं, उसके बावजूद पुलिस उन्हें परेशान कर रही है। उसने बताया कि पुलिस को उन्होंने चिट्टा तस्करों की सूचना दी थी, लेकिन पुलिस तस्करों को पकड़ने के बजाय उन्हें ही परेशान करने में लगी है।
फरवरी 2017 में जब विधानसभा चुनाव होने थे तो कांग्रेस प्रत्याशी हरमंदर सिंह जस्सी मौड़ मंडी में एक जनसभा को संबोधन करने के बाद जब जाने लगे तो उनकी गाड़ियों से थोड़ी दूरी पर ही ब्लास्ट हो गया था। जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने गाड़ी समेत उस कुकर को बरामद कर लिया था, जिसको ब्लास्ट करने के लिए उपयोग किया गया था। उक्त मामले में नामजद आरोपी काला समेत अन्य आरोपियों को पुलिस ने पीओ करार दे रखा है।
सीआईए स्टाफ 1 के प्रभारी इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि 11 अगस्त को उन्हें आरोपी काला की गांव अलीका डबवाली में लोकेशन प्राप्त हुई थी। पुलिस के पास सूचना थी कि काला वहां पर छिपा हो सकता है। इसी सूचना के तहत पुलिस पीओ काला को पकड़ने के लिए गांव अलीका में पहुंची थी।
जिस घर में पुलिस ने दबिश दी थी, उस घर में रहने वाले आरोपी पीओ के भाई अंग्रेज सिंह ने उक्त घटना के बाद डबवाली पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई कि उन्होंने पुलिस को चिट्टा तस्करों की सूचना दी थी। लेकिन पुलिस तस्करों को पकड़ने के बजाय उन्हें ही परेशान कर रही है।
उसने बताया कि पीओ काला के साथ उसका या उसके परिवार का कोई नाता नहीं है। वहीं सीआईए प्रभारी ने पुलिस पर लगाए जा रहे आरोपों को बेबुनियाद बताया।