रांची के ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मेले में एक अजीबोगरीब तमाशा दिखाने का मामला सामने आया है। पुलिस की मौजूदगी में नवजात बच्चों की लाश पर तमाशा किया जा रहा था। नवजात अविकसित बच्चों की लाश को टब व बंद बोतलों में केमिकल के साथ रखकर प्रदर्शन किया जा रहा था। जबकि इस स्टॉल से महज 50 मीटर की दूरी पर मेला ओपी बनाया गया है। वहां पुलिस के पदाधिकारी भी मौजूद हैं। मेला समिति के लोगों की भी इसपर नजर नहीं पड़ी। पूरे दिन हैरत में डालने वाले नजारे के साथ तमाशा का खेल दिखाया जाता रहा। कौतूहल के साथ लोगों की भीड़ भी जुटी हुई थी। लोग पैसे भी दे रहे थे। इसकी तस्वीरें बुधवार को तेजी से वायरल होने लगी। पुलिस के वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली। इसके बाद हटिया डीएसपी प्रभात रंजन बरवार के निर्देश पर धुर्वा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची व नवजातों की प्रदर्शनी लगाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर थाने ले गई। गिरफ्तार आरोपितों में कोलकाता के सोरे बाजार जयमित्री स्ट्रीट निवासी वकील माइटी, पिंटू माइटी व प्रभात सिंह शामिल हैं।गिरफ्तार आरोपितों ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि मेला समिति को जानकारी देकर उन्होंने स्टॉल लगाए थे। समिति के लोगों को दस हजार रुपये भी दिया है। बच्चों की लाश वे कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज से लाए थे। लोगों को नवजातों की लाश दिखाकर रुपये कमाना उनका मकसद था। पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है। यह पता लगा रही है कि वे बच्चों की लाश कहां से लाए |24 अप्रैल 2017 को देवघर के मोहनपुर प्रखंड स्थित दुमका रोड के ठीक किनारे स्थित डुमरथर गांव में झाडिय़ों से पुलिस ने करीब एक दर्जन अर्धविकसित नवजातों के शव बरामद किये थे। सभी शव शीशे के बंद बोतलों में मिले थे। अधिकतर शव बच्चियों के थे। उस समय भ्रूण हत्या की आशंका जताई गई थी। घटनास्थल पर काफी संख्या में बियर की बोतलें भी मिली थीं।