
उत्तर भारत का सबसे बड़ा एवं 650 साल पुराना झिड़ी मेला मंगलवार से शुरू हो गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसका शुभारंभ किया। 16वीं शताब्दी के किसान संत बाबा जित्तो (बाबा जित्तमल) और उनकी बेटी बुआ कौड़ी के बलिदान की याद में आयोजित होने वाले इस धार्मिक उत्सव में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। पहले दिन 12 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा जित्तो के दर पर माथा टेका।
उपराज्यपाल ने लोगों से निस्वार्थ सेवा के मार्ग को अपनाने और किसान-संत बाबा जित्तो की कल्पना के अनुसार एक न्यायपूर्ण और समान समाज के निर्माण की दिशा में काम करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर एक मजबूत, सुरक्षित, समृद्ध और आत्मनिर्भर जम्मू-कश्मीर का निर्माण कर सकते हैं।
बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी को नमन करने के बाद उपराज्यपाल ने एक सामुदायिक भवन और चार मॉड्यूलर बस स्टॉप का उद्घाटन किया। ये बस स्टॉप झिड़ी चौक, राजपुरा चौक, बाबा तालाब चौक और कानाचक चौक पर हैं। उन्होंने मढ़ में सीएसआर के तहत यहां के पहले इनडोर खेल परिसर की आधारशिला भी रखी।
यह मेला पर्यटन निदेशालय द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से 4 से 13 नवंबर तक संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। मेले में कृषि से जुड़े स्टॉल समेत सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हर दिन नई जीवंतता दिखेगी। खान-पान से लेकर मनोरंजन के सभी व्यापक स्टाल लगे हैं। मेले में प्रत्येक वर्ष 10 से 12 लाख लोग पहुंचते हैं। जम्मू संभाग ही नहीं, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से लाखों लोग बाबा जित्तो के बलिदान को याद करने के लिए मेले में आते हैं।



