कुल्लू-मनाली एनएच को बाढ़ से बचाने के लिए 400 करोड़ मंजूर

केंद्र सरकार ने कुल्लू से मनाली तक नेशनल हाईवे (एनएच) को बचाने के लिए 400 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) हाईवे को बाढ़ से बचाने के लिए बांध की मजबूती के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक अपनाएगा। बांध बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली काउंटरफोर्ट आरसीसी दीवार लगाकर सड़क को सुरक्षित किया जाएगा। इसके लिए कुल्लू से मनाली तक के दायरे में कुल 12 स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां दीवारें लगाई जाएंगी।

खास यह है कि सुरक्षा दीवार को ब्यास नदी के स्तर से तीन मीटर नीचे खोदाई कर लगाया जाएगा। दीवार नदी से तीन मीटर नीचे होगी और सड़क का स्तर पांच से सात मीटर तक ऊंचा किया जाएगा। जल्द इसके टेंडर खुलने वाले हैं। कुल्लू से मनाली तक नेशनल हाईवे बरसात में बुरी तरह तहस-नहस हो गया है। पहले 2023 और अब 2025 में कई जगह सड़क का नामोनिशान मिट गया है। अभी अस्थायी तौर पर बनाई सड़क पर यातायात तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन बाढ़ के लिहाज से सड़क सुरक्षित नहीं है।

सड़क के साथ ही रिहायशी इलाकों की सुरक्षा का भी विशेष तौर पर प्रोजेक्ट में ध्यान रखा गया है। ब्यास के वेग की क्षमता और पिछले 100 साल के इतिहास को आधार बनाकर इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की गई है। एनएचएआई की मानें तो जल्द इस प्रोजेक्ट के तहत कार्य शुरू किया जाएगा। एनएचएआई के परियोजना अधिकारी वरुण चारी ने बताया कि प्रोजेक्ट मंजूर हो गया है। इस महीने तक इसके टेंडर खुल जाएंगे। इसके बाद सड़क का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। कुल्लू से मनाली तक कहीं आरसीसी तो कहीं काउंटरफोर्ट आरसीसी दीवार लगेगी।

दीवार को ढहने से बचाती है यह तकनीक

काउंटरफोर्ट का अर्थ आधार-स्तंभ है। यह एक संरचनात्मक तत्व है जो दीवारों को ढहने से बचाने के लिए विपरीत दबाव के विरुद्ध सहायता प्रदान करता है। यह विशेष रूप से रिटेनिंग वॉल (दीवार) में मिट्टी के दबाव को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। यह दीवार समकोण त्रिभुज के आकार जैसी रहती है।

कहां लगेंगी दीवारें

कुल्लू के रायसन, पतलीकूहल में दो जगह, बिंदू ढांक, 17 मील पुल, ग्रीन टैक्स बैरियर, आलू ग्राउंड, बरान में दो जगह, टोल प्लाजा के समीप, वोल्वो बस स्टैंड से भूतनाथ पुल तक ऐसी दीवार बनाना प्रस्तावित है।

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