प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा की कार पर हमले की घटना के संबंध में सिरसा पुलिस ने एफआईआर दर्ज किए जाने के कई दिन बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह घटना रविवार को हुई थी और पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए, जिनमें से ज्यादातर अज्ञात हैं। इन पर राजद्रोह, लोक सेवकों के कर्तव्य निर्वहन में बाधा पहुंचाना, निर्वाचित प्रतिनिधि की हत्या का प्रयास, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे आरोपों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
इसी बीच इस गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए किसानों का एक समूह सिरसा में बाबा भूमन शाह जी चौक के निकट धरने पर बैठ गया। हालांकि, पुलिस का कहना है कि घटना के वीडियो फुटेज के आधार पर गिरफ्तारियां की गई हैं।
सिरसा के पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन ने बताया कि पांच प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। हमने पिछले दो दिन में घटना के वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया। तस्वीरों को बड़ा किया और बाद में सबूत के आधार पर जिन पांच लोगों की पहचान हुई, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि रविवार को घटनास्थल के निकट मौजूद लोगों की भी पहचान की गई है और आगे की कार्रवाई घटना में उनकी संलिप्तता के आधार पर निर्भर करती है।
राज्य सरकार ने घटना को गंभीरता से लेते हुए सिरसा जिला पुलिस प्रमुख भूपेंद्र सिंह का ट्रांसफर कर दिया, जबकि इंस्पेक्टर स्तर के एक अधिकारी को सस्पेंड कर दिया। वहीं, विधानसभा उपाध्यक्ष गंगवा ने मंगलवार को कहा कि रविवार को उनके वाहन पर पत्थर बरसाने वालों को किसान नहीं कहा जा सकता। ”उन्हें किसान नहीं कहा जाना चाहिए। मैं कह सकता हूं कि जिन्होंने हमला किया था, वे नशेड़ी लग रहे थे…।”
सिरसा में रविवार को काले झंडे लेकर चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के बाहर दिन में किसान जमा थे और उन्होंने सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की। इस दौरान हिसार के नलवा से भाजपा विधायक गंगवा एक समारोह में शामिल होने के बाद विश्वविद्यालय से बाहर निकल रहे थे तभी प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार को निशाना बनाया।
पुलिस की भारी मौजूदगी के बाद भी कुछ लोगों ने वाहन को घेर लिया और वाहन पर मुक्के मारने लगे। पुलिस ने बताया कि गंगवा के वाहन को पुलिसकर्मी जब इलाके से सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश में लगे थे तो वाहन पर पथराव भी किया गया। गंगवा को इस घटना में कोई चोट नहीं आईं।