स्वास्थ्य विशेषज्ञों की रिपोर्ट: यूपी में कोरोना की तीसरी लहर अगस्त से अक्तूबर तक संभव, खतरा 20 साल तक की उम्र वालों पर

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर अगस्त से अक्तूबर तक आ सकती है। इसकी चपेट में आने पर एक से 20 साल तक की उम्र वालों पर ज्यादा खतरा रहेगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाहकार समिति की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने सभी चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों को तैयारी में जुटने का निर्देश दिया है। 

तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए शासन ने चार मई को सलाहकार समिति का गठन किया था। इस समिति ने विभिन्न स्तरों पर समीक्षा करने के बाद संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति की रिपोर्ट के बाद शासन की ओर से प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने निर्देश दिया है कि महामारी की संभावित तीसरी लहर के उपचार एवं प्रभावी नियंत्रण को लेकर पुख्ता रणनीति बनाई जाए। चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति, स्थानों के निदेशक एवं मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य को भेजे गए निर्देश में जल्द से जल्द पीआईसीयू का निर्माण पूरा कराने के लिए कहा गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में 54 बेड का पीआईसीयू बनाया जा रहा है। 

रिपोर्ट में यह

  • पीडियाट्रिक संक्रमण की अवधि दो माह रहने की संभावना है। 
  • एक से 20 वर्ष तक के लोगों में संक्रमण की दर अधिक रह सकती है। 
  • सभी चिकित्सा संस्थान एवं मेडिकल कॉलेज कोविड वार्ड में पीडियाट्रिक मरीजों के उपचार में प्रयोग होने वाले उपकरण, दवाओं का इंतजाम कर लें। चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
     
    पीआईसीयू की स्थापना पर जोर
    पहले चरण में पीडियाट्रिक आईसीयू (पीआईसीयू) की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत यहां 50 आइसोलेशन बेड तैयार किए जाएंगे। इसी तरह 50 एचडीयू और आईसीयू बेड भी बनाए जाएंगे। समिति ने 10 बेड के पीआईसीयू के संचालन के लिए मैन पावर भी निर्धारित कर दिया है। पीडियाट्रिक वार्ड के मरीजों के परिजनों के ठहरने की भी व्यवस्था की जाएगी।

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